स्वच्छता अभियान पर चट्टे व रैंप लगा रहे दाग
जागरण संवाददाता, कानपुर : स्वच्छ भारत अभियान के तहत शहर को स्वच्छ करने में नगर निगम का पूरा अमला
जागरण संवाददाता, कानपुर :
स्वच्छ भारत अभियान के तहत शहर को स्वच्छ करने में नगर निगम का पूरा अमला जुटा है। लेकिन, शहर के लिए नासूर बन चुके चंट्टों को हटाने के लिए अभी तक कोई कारगर योजना तक नहीं तैयार की है। स्टे का हवाला देकर अफसर हाथ खींच लेते हैं। हालांकि सुप्रीम कोर्ट का स्पष्ट आदेश है कि फुटपाथ व सड़क पर कब्जा न होने दिया जाए। ऐसे सवाल है कि फिर सड़क पर चल रहे चंट्टों को क्यों नहीं हटाया जा रहा है? सीवर लाइन व नाली में गोबर डाल रहे चंट्टों पर क्यों नहीं कार्रवाई हो रही है। चंट्टों से शायद ही शहर का कोई इलाका अछूता होगा।
चट्टों के अलावा नालियों पर बने रैंप ने सफाई रोक दी है। रैंप होने के कारण झाड़ू नहीं लग पाती है और बिना बरसात के भी क्षेत्र में पानी भरा रहता है। इन समस्याओं से निजात दिलाए बिना कैसे स्वच्छ शहर की परिकल्पना की जा सकती है, इसका जवाब जिम्मेदारों के पास नहीं। शहर की नई सरकार बहुमत से बनने के बाद अब समस्याओं से निजात की उम्मीदें भी जोर मार रही हैं। खुद महापौर के परिवार ने भी समस्याओं से निजात की मांग की है। अब देखना है कि चट्टों, रैंप से लेकर बेतरतीब ढंग से चौराहों और जगह-जगह खड़े होने वाले आटो व ट्रैफिक व्यवस्था के लिए सिरदर्द बने ई-रिक्शे की समस्याओं का कैसे अफसर इसका निस्तारण करते हैं।
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चंट्टे हर साल लगा रहे करोड़ों का चूना
फुटपाथ व सड़क पर चल रहे चंट्टे हर साल नगर निगम व जलकल को करोड़ों रुपये का चूना लगा रहे हैं। स्वरूप नगर, तिलक नगर, विकास नगर, रावतपुर गांव, चमनगंज, श्यामनगर, गीता नगर, हरबंश मोहाल, कलक्टरगंज, शारदानगर, गांधीनगर, पीरोड, रामबाग समेत कई इलाकों में चंट्टे वाले सड़क व फुटपाथ घेर कर जानवर बांध रहे हैं। सर्वोदय नगर में नगर निगम के स्कूल के बाहर ही जानवर बांध रखे हैं। रास्ता घेरने से एक तरफ लोगों को आने जाने में दिक्कत हो रही है, वहीं गोबर सीधे नाली व सीवर लाइन में बहाया जा रहा है। नाला व सीवर चोक हो रहा है। हर साल गोबर की सफाई में ही करोड़ों रुपये का खर्च होता है। नगर निगम के सात साल पुराने आंकड़ों में 11 सौ चंट्टे शहर में हैं। हालांकि नए सिरे से सर्वे हो तो यह संख्या अब दो हजार से ज्यादा ही निकलेगी।
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ऐसा हो सकता है
0 चंट्टों को शहर से हटाने पर स्टे है, पर फुटपाथ और सड़क पर जानवर बांधने से रोका जा सकता है। घर के अंदर जानवर बंधवाए जाएं।
0 गोबर नाली व सीवर में फेंकने वाले चंट्टों पर अभियान चलाकर कार्रवाई की जाए।
सुझाव
-महापौर प्रमिला पाण्डेय के पति लक्ष्मी शंकर पाण्डेय ने कहा कि चंट्टे न हटाए जाएं, लेकिन सड़क पर भी न लगने दिया जाए। गोबर उठाने का यूजर चार्ज लिया जाए। नजर रखने के लिए सीसीटीवी कैमरे लगे।
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जगह-जगह नाली पर बने मिनी पुल
शहर का शायद ही कोई मोहल्ला हो जहां नाली पर मिनी पुल न हो। लोगों ने वाहन फुटपाथ पर खड़ा करने के लिए नाली पर कब्जा करके रैंप बना दिया है। नाली बंद हो जाने से झाड़ू नहीं लग पाती है। गंदगी भरी रहती है। बिना बरसात के इन इलाकों में पानी भरा रहता है। बारिश में स्थिति और भयावह हो जाती है।
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ऐसा हो सकता है
नाली पर रैंप न बनने दिया जाए। सड़क बनाने से पहले नाली को कब्जों से मुक्त कराया जाए।
सुझाव
0 महापौर के पति ने कहा कि नाली पर कब्जा करने वालों पर कार्रवाई की जाए।
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अव्यवस्थित पार्किग से लगता जाम
अव्यवस्थित पार्किग और बेलगाम दौड़ते आटो व ई रिक्शों की अराजकता के चलते रोज जाम से लोगों को जूझना पड़ता है। सड़क तक वाहन खड़े होने के कारण लोगों का निकलना दूभर हो जाता है। आटो व ई रिक्शे पर लगाम न कसने के चलते सभी चौराहों पर सुबह से लेकर शाम तक जाम लगा रहता है।
ऐसा हो सकता है
0 खाली पड़ी जगह पर पार्किग खोली जाए। बिना पार्किग के बन रही इमारतों को नगर निगम चिन्हित करके केडीए को कार्रवाई के लिए पत्र लिखे ताकि भविष्य में जाम से लोगों को न जूझना पड़ा।
0 चौराहों पर बेतरतीब ढंग से खड़े होने वाले ई रिक्शों व टेंपो पर जुर्माना लगाया जाए।