फेरी नीति के तहत बनवाए गए 15 लाख के चबूतरे टूटने लगे
फेरी नीति के तहत 2017 में गुजैनी एच और आई ब्लाक में नगर निगम द्वारा बनवाए गए 15 लाख रुपये की कीमत के चबूतरे अब टूटने लगे हैं।
जागरण संवाददाता, कानपुर : फेरी नीति के तहत 2017 में गुजैनी एच और आई ब्लाक में नगर निगम द्वारा बनवाए गए 15 लाख रुपये की कीमत के चबूतरे अब टूटने लगे हैं। इससे साफ जाहिर है कि ठेकेदार ने अधिकारियों से सांठगांठ कर निर्माण कार्य में धांधली की है। अब हाल यह है कि जो रहे बचे हैं उन पर लोगों ने अवैध रूप से कब्जा जमा लिया है।
क्षेत्रीय बृजेश तिवारी, तरूण पाल, खुशीराम ने बताया कि गुजैनी मेन रोड में सब्जी मंडी लगने से आए दिन हादसे होते थे और जाम लगा रहता था। इससे निजात पाने के लिए तत्कालीन पूर्व पार्षद आदर्श दीक्षित के कार्यकाल में फेरी नीति के तहत नगर निगम ने दो फाइलों में 15 लाख रुपये से गुजैनी आई व एच ब्लाक में चबूतरे बनवाए थे। इसमें 192 दुकानदारों स्थापित किया जाना था। आरोप है कि ठेकेदार व अधिकारियों ने सांठगांठ कर निर्माण कार्य में धांधली की है। इस वजह से चबूतरे का मसाला झरने लगा है। इसके साथ ही चबूतरों के आवंटन के लिए पांच दिसंबर को लाटरी डालकर दुकानदारों को आवंटित होनी है।
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आधी ही डाली गई नाले में स्लैब
नगर निगम द्वारा 25 लाख रुपये से चबूतरों के पीछे से निकले नाले में स्लैब व मरम्मत कार्य होना था। लेकिन अधिकारियों की लापरवाही से स्लैब डालने का काम अधूरा ही रह गया।
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प्रयास किया होता तो स्थापित हो जाती मंडी
पूर्व पार्षद आदर्श दीक्षित ने बताया कि चबूतरा बनाने के बाद नगर निगम के अधिकारियों ने गुजैनी सब्जी मंडी को हटाने के लिए बिल्कुल प्रयास नहीं किया। इस वजह से वह स्थापित नहीं हो पाई।
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चबूतरों की स्थिति के बारे में जानकारी नहीं है। आवंटन के बाद अतिक्रमण हटाया जाएगा।
-अशोक भाटी, अधिशाषी अभियंता