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11 साल के मासूम ने देखी थी वो काली रात, जिसने बना दिया था उसे अनाथ Kanpur News

11 साल के बेटे की गवाही के बाद कोर्ट ने आरोपित कातिल बहनोई को उम्रकैद की सजा सुनाई है।

By AbhishekEdited By: Published: Sat, 14 Sep 2019 12:31 PM (IST)Updated: Sat, 14 Sep 2019 12:31 PM (IST)
11 साल के मासूम ने देखी थी वो काली रात, जिसने बना दिया था उसे अनाथ Kanpur News
11 साल के मासूम ने देखी थी वो काली रात, जिसने बना दिया था उसे अनाथ Kanpur News

कानपुर, जेएनएन। तीन साल पहले 11 साल के मासूम ने वो काली रात देखी थी, जिसने उसे अनाथ बना दिया था। इंसाफ का इंतजार कर रहे मासूम को कोर्ट ने आखिर न्याय दिया। उसकी गवाही अहम मानते हुए कोर्ट ने सुनवाई के बाद पिता के कातिल को उम्रकैद की सजा सुनाई है।

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तीन साल पहले ये हुई थी घटना

रायबरेली के गुरुबख्श गंज निवासी रामसनेही उर्फ भोला बीएम मार्केट जूही स्थित लोहे की फैक्ट्री में वेल्डिंग का काम करते थे। फैक्ट्री में ही वह अपनी बेटी और बेटे के साथ रहते थे। 28-29 अक्टूबर 2016 की रात तीन बजे घर में सो रहे रामसनेही की धारदार हथियार से हत्या कर दी गई थी। फैक्ट्री मालिक योगेश द्विवेदी ने हत्या की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। पुलिस ने रामसनेही की बेटी के प्रेमी को गिरफ्तार कर जेल भेजा था और मामले में सात गवाह बनाए थे।

कोर्ट में सामने आया ये सच

एडीजीसी जितेंद्र पांडेय के मुताबिक उन्नाव के फत्तेपुर चौरासी निवासी संतोष उर्फ सुंदरलाल के रामसनेही की बेटी से प्रेम संबंध थे। इसी के चलते 28-29 अक्टूबर 2016 की रात तीन बजे संतोष ने उनकी बेटी को फोन किया। पिता ने विरोध किया तो बेटी घर से बाहर निकल आई। पिता भी पीछे से आए तो बाहर खड़े संतोष से उनका विवाद हो गया। संतोष ने फैक्ट्री में रखा हथौड़ा उनके सिर पर दे मारा और बेटी के साथ फरार हो गया। अस्पताल ले जाते समय रामसनेही की मौत हो गई।

बेटी ने कोर्ट में आरोपित को बताया पति

एडीजीसी के मुताबिक न्यायालय में सुनवाई शुरू हुई तो मृतक की बेटी बबली ने संतोष के पक्ष में गवाही दी। बयानों में कहा कि घटना के वक्त वह अपने ससुराल में पति संतोष के साथ थी। जब पुलिस घर पहुंची तो पिता के मौत की जानकारी हुई। पिता की सहमति से ही शादी की थी। उसने वादी कारखाना मालिक योगेश द्वारा पैसों के लेनदेन के चलते पिता की हत्या करने की बात कोर्ट में कही।

11 साल के मासूम की गवाही ने दिलाया इंसाफ

रामसनेही के 11 वर्षीय बेटे गुलाब ने कोर्ट को बताया कि घटना वाली रात पापा के साथ सो रहा था। बहन बबली दूसरी चारपाई पर लेटी थी। आवाज सुनकर नींद खुली तो देखा संतोष पापा से लड़ रहा था। उसने हथौड़ा उठाकर पापा के सिर पर मारा जिससे वह गिर गए। कारखाना मालिक पापा को अस्पताल ले गए थे। एडीजीसी के मुताबिक साले की गवाही पर अपर सत्र न्यायाधीश डॉ. कपिला राघव ने आरोपित जीजा को दोषी करार देते हुए उम्रकैद और 20 हजार रुपये जुर्माने से दंडित किया। अभियुक्त घटना के बाद से ही जेल में है। 


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