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बूंदबांदी से आलू व टमाटर में झुलसा की संभावना

जागरण संवाददाता कन्नौज जिले के किसान झुलसा से फसलों को बचा नहीं पाए थे कि बूंदाबांदी ने

By JagranEdited By: Published: Sun, 23 Jan 2022 12:18 AM (IST)Updated: Sun, 23 Jan 2022 12:18 AM (IST)
बूंदबांदी से आलू व टमाटर में झुलसा की संभावना
बूंदबांदी से आलू व टमाटर में झुलसा की संभावना

जागरण संवाददाता, कन्नौज : जिले के किसान झुलसा से फसलों को बचा नहीं पाए थे कि बूंदाबांदी ने मेहनत पर पानी फेर दिया है। शनिवार सुबह हुई बूंदाबांदी से खासकर आलू व टमाटर को नुकसान पहुंचा है। काफी देर तक हुई बूंदाबांदी से झुलसा रोग फैलने की संभावना हैं। गिरते तापमान के साथ बूंदाबांदी से पौधों में अधिक नमी है। दो से तीन दिन तक मौसम साफ न हुआ तो झुलसा वायरस की तरह फैलेगा। वैसे भी एक सप्ताह से गिरता तापमान और मौसम न खुलना फसलों के लिए नुकसानदायक बना हुआ था। इसी कारण अधिकांश क्षेत्रों में आलू व टमाटर पहले से झुलसा की चपेट में है, जो किसान कीटनाशक का छिड़काव कर बचाने में लगे हुए हैं। वहीं, सरसों, मटर व अन्य सब्जियों में कीटरोग फैलेगा। जिला कृषि अधिकारी आवेश सिंह ने बताया कि सिर्फ कुछ देर बूंदाबांदी हुई है। इससे फसलों को नुकसान नहीं पहुंचेगा। फिर भी झुलसा व कीटरोग की संभावना है। धूप निकलती है तो किसी तरह का खतरा नहीं रहेगा। किसान बचाव करें। यह मौसम गेहूं के लिए फायदेमंद है। कृषि विभाग के इन नंबरों पर लें सलाह

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9452247111

9452257111 झुलसा लगने पर ये करें : उद्यान विज्ञानी

कृषि विज्ञान केंद्र, अनौगी के उद्यान विज्ञानी डा. अमर सिंह ने बताया कि बारिश व गिरते तापमान से आलू व टमाटर को ज्यादा नुकसान पहुंचता है, जिन फसलों में झुलसा लग चुका है वहां सिचाई रोक दें। इसके बाद रिडोमिल दो से ढाई ग्राम प्रति लीटर पानी में मिलाकर दस-दस दिन के अंतराल में पौधों पर स्प्रे करें। यदि झुलसा नहीं लगा है तो बचाव में मैंकोजेब दो से ढाई लीटर प्रतिलीटर पानी में मिलाकर छिड़कें। आलू, टमाटर, सरसों व मटर समेत अन्य में कीट रोग भी है, जिसका वायरस तेजी से फैल रहा है। यह पत्तियों का रस चूसने के साथ कतर देते हैं। ऐसी स्थिति में इसके नियंत्रण के लिए इम्डाक्लोरोप्रिड या डाईमेट्रेट एक एमएल दो से ढाई लीटर पानी में मिलाकर दस-दस दिन में स्प्रे जरूर करें। एनपीके से आएगी आलू में चमक

उद्यान विज्ञानी डा. अमर सिंह ने बताया कि आलू की गुणवत्ता बढ़ाने के साथ चमक बढ़ा सकते हैं, जिन आलू की फसल में झुलसा नहीं लगा है तो किसान ्ऐसी स्थिति में 70 से 75 दिन की फसल होने पर 0050 या 00052 एनपीके एक किलो प्रति एकड़ में छिड़कें। इससे गुणवत्ता अच्छी होगी और पैदावार बढ़ने के साथ चमक आएगी।


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