11 ग्राम पंचायतों में काम बंद, भटक रहे श्रमिक
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- 85 ग्राम पंचायतों में इस समय हो रहा काम
संवाद सहयोगी, छिबरामऊ: सरकार ने गांव के श्रमिकों को 100 दिन का रोजगार देने का वादा किया। वर्तमान समय में ग्राम पंचायतों में काम बंद होने से श्रमिकों को रोजगार नहीं मिल पा रहा है। उन्हें काम की तलाश में जिले से बाहर भटकना पड़ रहा है।
विकास खंड के अंतर्गत कुल 96 ग्राम पंचायतें हैं। पिछले माह तक ग्राम पंचायतों के खातों में बजट नहीं आया था। इसकी वजह से काम रुके हुए थे। बजट मिला तो ग्राम प्रधानों से प्रस्ताव मांगे गए। मस्टर रोल निकलवाए गए। 85 ग्राम पंचायतों में काम शुरू करवा दिया गया, लेकिन 11 में अभी भी काम बंद चल रहा है। इसकी वजह से श्रमिक परेशान हैं। पहले तो वह इंतजार करते रहे। कई माह बीतने के बाद गांव से नगर में काम की तलाश में आए। श्रमिकों के सामने परिवार के भरण-पोषण की समस्या भी आ रही है। सीडीओ करा रहे जांच
मनरेगा की प्रगति से सीडीओ प्रेमप्रकाश संतुष्ट नहीं है। अब तक हुए कार्य और बजट की जांच करा रहे हैं। सभी कार्यों और भुगतान के मस्टर रोल मांगे हैं। गड़बड़ी मिली तो कार्रवाई तय है। केवल 1284 श्रमिक कर रहे कार्य
विकास खंड की 96 ग्राम पंचायतों के अंतर्गत कुल 22408
मनरेगा श्रमिक पंजीकृत हैं। वर्तमान समय में ग्राम पंचायतों में केवल 1284 श्रमिक ही कार्य कर रहे हैं। इनमें अधिकांश आवास के लिए कार्य कर रहे हैं।
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इन ग्राम पंचायतों में रुका काम
लोकपुर, रौरी, जयसिंहपुर, कुंवरपुर जनू, हमीरपुर, भरौली सिरखनेपुर, रामखेड़ा सहित 11 ग्राम पंचायत में काम बंद चल रहा है। इनमें केवल आवास के मस्टर रोल निकाले गए हैं। नाली, खडंजा, तालाब आदि कार्य नहीं शुरू हुए हैं।
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जिम्मेदार बोले
85 ग्राम पंचायतों में कार्य चल रहा है। जिन ग्राम पंचायतों में कार्य बंद है, उनके स्टीमेट लगे हुए हैं। शीघ्र कार्य शुरू हो जाएंगे। मनरेगा श्रमिकों को भटकना नहीं पड़ेगा।
- सतानंद दीक्षित, बीडीओ छिबरामऊ