पूल सैंपलिग से बढ़ेगा जांच का दायरा
फोटो 14 केएनजे 05 ----------------- -सामुदायिक सैंपलिग से कोरोना संक्रमितों की होगी
फोटो : 14 केएनजे 05 ----------------- -सामुदायिक सैंपलिग से कोरोना संक्रमितों की होगी जल्द पहचान
-मलिन बस्तियों व प्राइवेट अस्पतालों में शुरू हुई पूल सैंपलिग
जागरण संवाददाता, कन्नौज: शासन ने कोरोना वायरस के सामुदायिक संक्रमण को रोकने के लिए पूल सैंपलिग की योजना तैयार की है। इससे अधिक से अधिक कोरोना के केस पहचान में आएंगे तो फैलने से भी रोका जा सकेगा। सबसे पहले मलिन बस्तियों और निजी अस्पतालों में अभियान चलाकर सैंपलिग की जा रही है। प्रमुख सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने सीएमओ को अधिक से अधिक लोगों के पूल सैंपल बनाने के निर्देश दिए हैं। पहले चरण में दो हजार पूल सैंपल लेने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत डोर-टू-डोर अभियान शुरू कर दिया गया है। शहर के मकरंदनगर कुतलूपुर व मौसमपुर अल्हण मलिन बस्तियों में 50 लोगों के पूल सैंपल बनाकर भेज दिए गए। वहीं, रविवार को रैपिड रेस्पांस टीम के डॉ. आतिफ हसन ने शहर के सभी निजी अस्पतालों में कर्मियों व भर्ती मरीजों के सैंपल लिए। इस तरह एक सप्ताह तक प्रतिदिन जिले में पूल सैंपलिग की जाएगी। कैसे की जाती है पूल सैंपलिग
राजकीय मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबॉयोलॉजिस्ट डॉ. संजीव त्रिपाठी ने बताया कि 50 लोगों का अलग-अलग सैंपल लेकर उसका एक पूल बनाया जाता है और इसे मशीन में रख दिया जाता है। यदि पूल पॉजिटिव निकला तो फिर सभी सैंपल अलग-अलग रखे जाते हैं। यदि पूल निगेटिव निकला तो इसका अर्थ है कि सभी निगेटिव हैं। इस तरह से एक दिन में अधिक से अधिक लोगों की जांच की जा सकती है।
'सामुदायिक संक्रमण को रोकने के लिए शासन ने पूल सैंपलिग कराने के निर्देश दिए हैं। जिले में पूल सैंपलिग के लिए टीम गठित कर काम शुरू कर दिया गया है। एक सप्ताह में लक्ष्य हासिल कर लिया जाएगा।'
-डॉ. कृष्ण स्वरूप, सीएमओ