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शिक्षक पाबंद किए जाने पर भड़के साथी, पहुंचे थाने

संवाद सूत्र सौरिख त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में पुलिस ने शिक्षकों पर पाबंद करने की कार्रवाई क

By JagranEdited By: Published: Sun, 11 Apr 2021 10:54 PM (IST)Updated: Sun, 11 Apr 2021 10:54 PM (IST)
शिक्षक पाबंद किए जाने पर भड़के साथी, पहुंचे थाने
शिक्षक पाबंद किए जाने पर भड़के साथी, पहुंचे थाने

संवाद सूत्र, सौरिख: त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में पुलिस ने शिक्षकों पर पाबंद करने की कार्रवाई की। इससे साथी शिक्षक भड़क गए। थाने पहुंचकर गलत सूचना देने वाले के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।

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सौरिख के तिर्वा रोड निवासी शिक्षक बृजेंद्र सिंह यादव उच्च प्राथमिक विद्यालय सिरोही एवं सहायक अध्यापक धर्मेंद्र सिंह कंपोजिट विद्यालय जखा में तैनात है। पुलिस ने दोनों शिक्षकों के खिलाफ पाबंद करने की कार्रवाई की। रविवार को इसकी जानकारी होने पर प्राथमिक शिक्षक संघ के बैनर तले शिक्षक एकत्रित हुए। कार्रवाई के विरोध में ब्लाक अध्यक्ष नीरज यादव व मंत्री अशोक कुमार के साथ रविवार को थाने पहुंचे। प्रभारी निरीक्षक पूनम अवस्थी को बताया कि शिक्षकों को त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में 19 अप्रैल को पीठासीन अधिकारी के पद पर ड्यूटी करने की जिम्मेदारी दी गई है। इनके परिवार से कोई व्यक्ति चुनाव नहीं लड़ रहा है। न ही कोई अपराधिक मुकदमा पंजीकृत है। प्रभारी निरीक्षक ने बताया कि हल्का इंचार्ज ने प्रत्याशी के वोट मंगवाने को लेकर सूचना दी थी। ऐसे में शिक्षकों को पाबंद किया गया था।

गलत चिह्न बांटने का आरोप, कोर्ट जाएंगे प्रत्याशी

संवाद सहयोगी, छिबरामऊ: प्रत्याशियों को वार्ड 11 से चुनाव लड़ना था। उसकी जगह वार्ड छह व दस भर गया। आरोप है गलती में सुधार नहीं किया गया और चुनाव चिह्न गलत बांट दिया।

रविवार को क्षेत्र पंचायत सदस्य का चुनाव चिह्न पाने के लिए ब्लाक पर बबलू व अनिल वार्ड 11 के काउंटर पर पहुंचे। बताया कि सहायक निर्वाचन अधिकारी ने बबलू को वार्ड 10 से अलाव और आदमी का चिह्न दिया। अनिल को वार्ड छह से अनार का चिह्न आवंटित किया। इस पर दोनों ने आपत्ति जताई। बताया कि दोनों को वार्ड 11 से चुनाव लड़ना था। वह नामांकन पत्र में वार्ड छह व दस लिख गए। एआरओ ने जांच के दौरान कोई ध्यान नहीं दिया। इसी के आधार पर चुनाव चिह्न आवंटित किया, जो गलत है। अधिकारियों ने सुनवाई नहीं की। अब कोर्ट की शरण लेंगे। इस बारे में एआरओ कुछ नहीं बोले। निर्वाचन अधिकारी रमेश बाबू ने भी मामले को टालने का प्रयास किया। रात तक चुनाव चिह्न आवंटन की प्रक्रिया चलती रही।


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