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पक्की छत की आस में पथराई आंखें, नहीं मिले आवास

संवाद सूत्र कसावा प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री आवासों का लाभ जरूरतमंदों को नहीं मिला रहा है। इस

By JagranEdited By: Published: Mon, 20 Sep 2021 06:16 PM (IST)Updated: Mon, 20 Sep 2021 06:16 PM (IST)
पक्की छत की आस में पथराई आंखें, नहीं मिले आवास
पक्की छत की आस में पथराई आंखें, नहीं मिले आवास

संवाद सूत्र, कसावा: प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री आवासों का लाभ जरूरतमंदों को नहीं मिला रहा है। इस कारण कच्चे मकान व पन्नी डालकर सर्दी, गर्मी व बारिश से गुजर कर रहे हैं। उदाहरण ग्राम पंचायत मेदेपुर का हैं, जहां पात्र होने के बाद भी लोगों को आवास नहीं मिल पा रहे हैं और कच्चे मकानों में रहने को मजबूर हैं।

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ग्राम पंचायत मेदेपुर में गांव तिगुड़िया का भी कुछ हिस्सा लगता है। यहां की कुल आबादी 3200 है। इसमें 1440 मतदाता शामिल हैं। बारिश होने पर लोगों को मकानों के गिरने का डर सताने लगा। वह रात को घरों के बाहर सो रहे हैं। दिन के समय में भी जरूरी काम निपटाने के अलावा अधिकांश समय बाहर ही व्यतीत कर रहे हैं। सरकारी कार्यालयों के चक्कर काटते थक गए हैं, लेकिन उन्हें आवास नहीं मिल पाए हैं। दीवारें गिर गई तो छप्पर के किनारे ही चूल्हा रखकर खाना तैयार किया जा रहा है।

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ग्रामीण बोले

करीब 30 वर्ष पहले पति की मृत्यु हो गई थी। मजदूरी कर दो बच्चों का पालन पोषण किया। कालोनी के लिए नाम कागज में लिखा गया। सचिव मौके पर आई और पूछताछ कर चली गई। इसके बाद कालोनी नहीं आई।- मायादेवी

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पति दिव्यांग हैं। मजदूरी करके किसी प्रकार घर का खर्च चलता है। कालोनी के लिए सूची में नाम आया था। सचिव के आने के बाद सूची से नाम गायब हो गया। कच्चे मकान में रह रही हैं।- अनीता

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पति बाहर रहकर मजदूरी करते हैं। कच्चा मकान होने से लगातार बारिश में अंदर जाने से डर लगता है। आर्थिक स्थिति खराब होने की वजह से निर्माण नहीं करवा पा रही हैं। 2011 की सूची में नाम था। सचिव के आने के बाद नाम काट दिया गया। - स्नेहलता

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20 साल पहले बीमारी से पति की मृत्यु हो गई थी। तीन पुत्र हैं। मेहनत मजदूरी कर बड़ी मुश्किल से उनका पालन पोषण किया। कच्चा मकान होने की वजह से सूची में नाम लिखा गया था। जर्जर हालत में मकान होने के बाद भी नाम कटवा दिया। - रामलली

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जनप्रतिनिधि बोले

पांच वर्ष के कार्यकाल में प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए 110 लोगों के नाम सूची में दिए थे। इनमें से केवल 36 लोगों को आवास मिले। उनका निर्माण हो चुका है। अन्य लोगों के नाम आवास सूची से कट गए थे। - सुरेंद्र, पूर्व प्रधान मेदेपुर

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पूर्व प्रधान ने 77 लोगों की सूची दी थी। उस सूची के आधार पर ही अभी तक लोगों को आवास नहीं मिल पाए हैं। अभी कोई भी नई सूची उन्होंने आवासों के लिए नहीं दी है। पात्रों को आवास दिलाने का प्रयास किया जाएगा।- गीता देवी, प्रधान मेदेपुर

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सचिव व ग्राम प्रधान के माध्यम से ग्राम पंचायत मेदेपुर में आवासों की जानकारी की जाएगी। कच्चे आवासों में रह रहे लोगों की सूची तैयार कराई जाएगी। पात्रता के आधार पर आवास दिलवाए जाएंगे।

- मनोज कुमार चतुर्वेदी, प्रभारी खंड विकास अधिकारी, छिबरामऊ


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