विदेशी मुद्रा निवेश की तरफ बढ़ा कदम, सुगंध से प्रगाढ़ होंगे भारत श्रीलंका के रिश्ते
जागरण संवाददाता, कन्नौज : इत्र नगरी की सुगंध से भारत-श्रीलंका के रिश्ते और मजबूत होंगे। चीन
जागरण संवाददाता, कन्नौज : इत्र नगरी की सुगंध से भारत-श्रीलंका के रिश्ते और मजबूत होंगे। चीन से मतभेद के बाद श्रीलंका ने विदेशी मुद्रा के साथ निर्यात बढ़ाने के लिए भारत की ओर कदम बढ़ाया है। श्रीलंका ने कन्नौज की तर्ज पर सुगंधित पौधों से खुशबू, तेल व सुगंधित पदार्थो के उत्पादन की तैयारी शुरू की है। इसके लिए बुधवार को श्रीलंका के वाणिज्य मंत्रालय के औद्योगिक बोर्ड के तकनीकी निदेशक मोहन गुणा ¨सधे 15 सदस्यीय दल के साथ कन्नौज के सुगंध एवं सुरस विकास केंद्र पहुंचे।
सिंधे ने बताया कि वे पौधों से खुशबू व सुगंधित पदार्थ बनाने की बारीकियां सीखने आए हैं। उनके दल में आयुर्वेदिक के विशेष चिकित्सक व हर्बल अगरबत्ती के मालिक भी साथ हैं। उनका मकसद एसेंशियल आयल, परफ्यूम व अरोमाथेरेपी की दवाएं बनाना है।
केंद्र के प्रबंध निदेशक शक्ति विनय शुक्ला ने दल को हर्बल गार्डेन में चंदन, सर्पगंधा, मुलेटी, हल्दी, जापानी पोदीना, मेंथा, पिपर¨मट व लेमन ग्रास के पौधे दिखाए। उन्होंने इत्र, चंदन तेल, खाने-पीने में इस्तेमाल व दवा में उपयोग होने वाले इत्र की जानकारी दी। शक्ति विनय शुक्ला ने बताया कि यहां से पौधे, इत्र समेत अन्य चीजों का श्रीलंका निर्यात होगा।
30 अक्टूबर तक बारीकियां सीखेगा दल
श्रीलंकाई दल 30 अक्टूबर तक केंद्र में प्रतिदिन सुगंध की बारीकियां समझेगा। प्रशिक्षण के दौरान वे इत्र कारखानों का भ्रमण करते हुए पौधों से तेल व खुशबू निकालने से लेकर उसे तैयार कर बेचने तक के तरीके जानेंगे। सहायक निदेशक नदीम अकबर व एपी ¨सह ने बताया कि दल को पौधों की प्रजाति, देखभाल व क्षेत्रीय जानकारी दी जाएगी।