बिटिया, हम मरबे तो नाई, हमका घरे जान देओ
अनूप विश्नोई तिर्वा (कन्नौज) बिटिया हाय जौ करौना को आग लगै। अब का हुइये। हम मरबे तो नाइ
अनूप विश्नोई, तिर्वा (कन्नौज)
बिटिया, हाय जौ करौना को आग लगै। अब का हुइये। हम मरबे तो नाई। जिदा घर चले जइबे कि नाई। हमका घरे जान देओ। हमै अपने लल्ला-मोड़ी को कुल दिन ते नाई देखो। बहुत उनकी याद आई रही। रात को मंजर देख, अब जी कांप रहौ है। ये दर्द और खौफ उस बुजुर्ग महिला की आंखों में साफ तौर पर झलक रहा था, जिसने बिना ऑक्सीजन तड़प रहे मरीजों को रात में देखा था। वह भी कोरोना संक्रमित होने के कारण मेडिकल कॉलेज में भर्ती है।
राजकीय मेडिकल कॉलेज में सोमवार रात एक बजे से सुबह नौ बजे तक ऑक्सीजन नहीं मिलने से आइसोलेशन वार्ड में मरीजों की मौत हो गई। उनकी स्थिति देखकर आसपास के बेडों पर भर्ती मरीजों के दिल दहल गए। मरीजों को खुद की जिदगी की फिक्र हो रही है। डॉक्टर को भगवान मानकर जिदगी की भीख मांग रहे हैं। उमर्दा ब्लाक की निवासी वार्ड में भर्ती कोरोना संक्रमित बुजुर्ग महिला मंगलवार को हाथ जोड़कर नर्स से बोलीं, का हुइहै अब, हम अपने नातिन-पोतन को देख पहिहैं कि नाई, इतना कहते ही उनकी आंखों से आंसू बह निकले। गला रुंध गया। वो आगे बोलीं कि रात में जो देखो है, हमाओ दिल कांपि रहौ है। रोंगटे खड़े हुइगै। चारि दिन हुइगै, इत्तो डर नाहि लगो, जित्तो आज लगो है। बुजुर्ग की बातें सुन आइसोलेशन वार्ड में ड्यूटी कर रहीं इंचार्ज स्टाफ नर्स कुसुम मौर्य की आंखें भी डबडबा आई। कुछ देर में खुद को संभालते हुए उन्होंने कहा कि अम्मा घबराओ नहीं, ऊपर वाले पर विश्वास रखे। सब बढि़या होगा। धैर्य रखो। तुम अपनों से जरूर मिलोगी। वह हाथों से इशारा कर बुजुर्ग को समझाए जा रहीं थीं। जब दोनों के आंसू नहीं रुके तो नर्स अपने रूप में चली गई।
----
आइसोलेशन वार्ड में नर्स बेहोश, निकली कोरोना संक्रमित
राजकीय मेडिकल कॉलेज के आइसोलेशन वार्ड में ड्यूटी कर रहीं स्टाफ नर्स पीपीई किट पहनकर मरीजों को इंजेक्शन दे रहीं थीं। गर्मी के कारण उनको चक्कर आ गया। इससे बेहोश होकर गिर पड़ीं। नर्स का प्राथमिक उपचार हुआ। इसके बाद उनकी कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई। नर्स को होम आइसोलेशन में रखा गया है।