एसओसी करेंगे गांव भगवंतपुर में गड़बड़ी की जांच
संवाद सहयोगी छिबरामऊ गांव भगवंतपुर में चकबंदी प्रक्रिया में अनियमितताओं का मामला लखनऊ तक पहुंच गया है। शासन ने इसे गंभीरता से लिया। वही उपसंचालक चकबंदी मुख्यालय लखनऊ एसके सिंह ने एसओसी कन्नौज मोहनलाल को जांच सौंप दी।
संवाद सहयोगी, छिबरामऊ: गांव भगवंतपुर में चकबंदी प्रक्रिया में अनियमितताओं का मामला लखनऊ तक पहुंच गया है। शासन ने इसे गंभीरता से लिया। वही उपसंचालक चकबंदी मुख्यालय लखनऊ एसके सिंह ने एसओसी कन्नौज मोहनलाल को जांच सौंप दी।
आदेश पत्र में कहा गया है कि एसओसी स्वयं तहसील प्रशासन के साथ गांव पहुंचे। पूरे प्रकरण की जांच जांच करें। किसानों की समस्याओं को सुनें। आवश्यक कार्रवाई कर तथ्यात्मक रिपोर्ट एक सप्ताह में उपलब्ध कराएं। वहीं तहसील परिसर में नौ वें दिन का धरना प्रदर्शन महिलाओं के नेतृत्व में चलता रहा। ग्रामीणों ने भ्रष्टाचार के खिलाफ नारेबाजी कर विरोध प्रदर्शन किया। चकबंदी प्रक्रिया निरस्त कराए जाने की मांग की। इस मौके पर उर्मिला देवी, सरस्वती देवी, सुमन कठेरिया मौजूद रही। वहीं महिलाओं ने तहसील परिसर में जन शिकायतें सुनने पहुंची उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग की सदस्य कुमुद श्रीवास्तव से भी मुलाकात की। चकबंदी प्रक्रिया में अनियमितताओं की जानकारी दी। सदस्य ने विभागीय अधिकारियों को अवगत कराने का आश्वासन दिया। छिबरामऊ बार एसोसिएशन ने दिया समर्थन
अनियमितताओं को लेकर किए जा रहे धरना प्रदर्शन स्थल पर बुधवार को छिबरामऊ बार एसोसिएशन के अध्यक्ष सुरेंद्र यादव पहुंचे। उन्होंने किसानों की समस्याओं को सुना। एसोसिएशन की ओर से आंदोलन को समर्थन देने की बात कही। इसके बाद गांव भगवंतपुर संघर्ष समिति अध्यक्ष गौरव यादव व भारतीय किसान यूनियन किसान के जिलाध्यक्ष राजा शुक्ला को समर्थन पत्र सौंपा। इस मौके पर सौरभ यादव सहित सभी ग्रामीण मौजूद रहे। झोपड़ी व पॉलीथिन का सहारा, नहीं मिला आवास
संवाद सहयोगी, तिर्वा : वर्षो इंतजार के बाद पहली बार आवास के लिए उम्मीद जगी। सर्वे से लेकर सत्यापन सूची में नाम शामिल रहा, लेकिन ब्लॉक में पंजीकरण के बाद धनराशि खाता में नहीं आ सकी। इससे अफसरों के लगातार चक्कर काट रहे हैं।
विकास खंड उमर्दा की ग्राम पंचायत अगौस के भगवानपुर पुरौटिया गांव निवासी उमेश चंद्र को वित्तीय वर्ष 2020-21 में प्रधानमंत्री आवास प्लस योजना के तहत आशियाना मिला था। सर्वे सूची से लेकर सत्यापन सूची में नाम रहा। ग्राम पंचायत सचिव अवनीश कुमार ने जांच आख्या लगाकर पात्रता की संस्तुति की। सूची को धनराशि आवंटित करने के लिए शासन स्तर पर भेजा गया। वहां से उमेश चंद्र का नाम ही कट गया। उमेश ने बताया कि पत्नी शीलू, दो वर्षीय बेटी विद्या व एक वर्षीय बेटा अनुज के साथ गांव के बाहर झोपड़ी डालकर गुजारा कर रहे। फूस की झोपड़ी है और उस पर पॉलीथिन डाले हैं। पीड़ित ने मामले को लेकर शिकायती पत्र डीएम को भी दिया है, लेकिन सुनवाई नहीं हुई। बीडीओ अखिलेश तिवारी ने बताया कि मामला संज्ञान में नहीं है। जांच कराई जाएगी। पात्र होने पर आवास दिया जाएगा।