..ताकि गोमाता को नहीं लगे सर्दी
जागरण संवाददाता कन्नौज अगर आपके अंदर कुछ अलग करने का जज्बा हो तो उम्र मायने नहीं रखत
जागरण संवाददाता, कन्नौज: अगर आपके अंदर कुछ अलग करने का जज्बा हो, तो उम्र मायने नहीं रखती है। हौसले से हर मुश्किल को मात दी जा सकती है। कुछ ऐसा कर जसपुरापुर सरैया के विमल बाजपेयी यूथ आइकॉन बन गए हैं। गोमाता को सर्दी से बचाने की मुहिम शुरू कर उन्होंने समाज को एक नई दिशा दी है।
जलालाबाद ब्लॉक के ग्राम जसपुरापुर सरैया के 18 साल के विमल बाजपेयी ने कुछ दिन पहले अपने मित्रों के साथ गोशाला गए। वहां की दुर्दशा देख वह परेशान हो गए। विमल के मुताबिक ठंड और भूख से कई गोमाता दम तोड़ चुकीं थीं, तो कई बीमार थीं। गायों के चारे की भी कोई व्यवस्था नहीं थी। उन्होंने गोमाता के लिए कुछ करने की ठानी और रविवार को दो क्विटल चोकर, तीन क्विटल पशु आहार और दो क्विटल गुड़ की व्यवस्था की और गोशाला भिजवाया। इतना ही नहीं उन्होंने लोगों को पुराने बोरे मांग कर गोमाता के लिए ग्रामीणों की मदद से 200 झूलें बनवाईं तथा गोशाला में गायों को पहनाने के लिए दान कर दीं। विमल ने बताया कि गोशाला में करीब 40 फीसद गोवंश पर टैग नहीं लगे थे, जिससे पहचानना मुश्किल हो रहा था कि कौन गाय गोशाला की है और कौन सी बाहर की। यहां पर भर्ती और दान करने का कोई रजिस्टर भी नहीं मिला। शासन से गोशालाओं के लिए भारी भरकम बजट भेजा जाता है, फिर भी गोशालाओं में गायों के लिए खाने तथा सर्दी से बचाव के लिए कोई इंतजाम नहीं किए गए। उन्होंने बताया कि गोमाता की सेवा के लिए संकल्प लिया है, जिसमें वह लोगों की मदद से गोमाता के लिए चारे व सर्दी से बचाव के लिए इंतजाम करेंगे।