रोजगार मिशन से दूर कौशल विकास
जागरण संवाददाता कन्नौज उप्र कौशल विकास मिशन अपने मिशन से काफी दूर है। वर्ष 201
जागरण संवाददाता, कन्नौज : उप्र कौशल विकास मिशन अपने मिशन से काफी दूर है। वर्ष 2018-19 में जिले में नौ केंद्र खोले गए थे। प्रशिक्षण का लक्ष्य पूरा करने के बाद सात केंद्र बंद हो गए, लेकिन रोजगार की कवायद अब तक अधूरी है। जिले को 1,830 युवक-युवतियों को प्रशिक्षित कराने का लक्ष्य मिला था। सभी केंद्रों पर लक्ष्य से अधिक 1,869 युवक-युवतियों के प्रवेश लिए गए। इस दौरान सिलाई, कढ़ाई, कंप्यूटर, इलेक्ट्रिकल, हेल्थ केयर व फैशन से जुड़े गुर सिखाए गए। इनमें सिर्फ 708 युवक-युवतियों की ही परीक्षा कराई गई। 363 का ही मूल्यांकन हुआ और 119 को नौकरी मिली। शेष युवक-युवतियां एजेंसी नामित न होने के कारण मूल्यांकन और परीक्षा से वंचित हैं।
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अब सिर्फ दो केंद्र संचालित
वर्तमान में तालग्राम और गुरसहायगंज में दो केंद्र चल रहे हैं। दोनों केंद्रों पर मार्च में 108-108 युवक-युवतियों के प्रवेश लिए गए थे। अब तक परीक्षा एजेंसी नामित न होने के कारण इन युवक-युवतियोंकी परीक्षा लंबित है। विभाग रोजगार मेले भी आयोजित कर रहा है, लेकिन प्रतिभागी नहीं जुट रहे हैं। जुलाई आखिरी तक दो रोजगार मेले और आयोजित होने हैं।
नए वित्तीय वर्ष की नहीं हुई शुरुआत
इस वर्ष भी विभाग की हालत खस्ता है। सूबे भर में नए वित्तीय वर्ष का लक्ष्य नहीं आया है। इस कारण आवेदन की शुरुआत तक नहीं हो पा रही है। कोई एजेंसी भी शासन से नामित नहीं हुई है। इस कारण समय बीत रहा है। एजेंसी नामित न होने के कारण मूल्यांकन और परीक्षाएं लंबित हैं। शासन स्तर पर विचार चल रहा है। नए वित्तीय वर्ष का लक्ष्य जल्द मिलने वाला है। परिणामों के आधार पर रोजगार मिल रहा है।
- मुकेश श्रीवास्तव, जिला प्रबंधक, उप्र कौशल विकास मिशन