फसल अवशेष जलाने के बजाय उठाएं लाभ
जागरण संवाददाता, कन्नौज : फसल अवशेष जलाने के बजाय गाड़ने से जमीन की उर्वरा शक्ति बढ़ती है।
जागरण संवाददाता, कन्नौज : फसल अवशेष जलाने के बजाय गाड़ने से जमीन की उर्वरा शक्ति बढ़ती है। इसके तत्व पौधों की बढ़वार व उत्पादन में सहायक होते हैं। यह बातें जिलाधिकारी रवींद्र कुमार ने कहीं।
मंगलवार को कलेक्ट्रेट परिसर में खेतों पर फसल अवशेष न जलाने पर गोष्ठी हुई। जिलाधिकारी रवींद्र कुमार ने अध्यक्षता की। दूर-दराज से आए किसानों को फसल अवशेष जलाने के नुकसान व फायदे बताए गए। बताया कि फसलों के अवशेष जलाने से उनके जड़, तना, पत्तियां में संचित लाभदायक पोषक तत्व नष्ट हो जाते हैं। मृदा ताप में बढ़ोतरी होती है। इसके फायदे भी बहुत हैं। फसल अवशेष जलाने के बजाय खेतों पर गाड़ने से जमीन की उर्वरा शक्ति बढ़ती है। सीडीओ एसके ¨सह ने बताया कि इसमें 16 पोषक तत्व उत्पादन में सहायक होते हैं। उप कृषि निदेशक डा. आरएन ¨सह बताया कि कार्बन, हाइड्रोजन, आक्सीजन प्रकृति से प्राप्त होता है। ये तत्व पौधों के लगभग 95 प्रतिशत भाग के सहायक हैं। जिला कृषि अधिकारी राम मिलन व जिला उद्यान अधिकारी मनोज चतुर्वेदी ने योजनाएं बताईं।
स्टॉलों पर दी जानकारी
गोष्ठी के दौरान उद्यान विभाग, वन विभाग, कृषि विभाग, मत्स्य विभाग, पशु पालन, भूमि संरक्षण, मृदा परीक्षण समेत बीज के स्टाल लगाए गए। किसानों का पंजीयन किया गया। हर स्टॉलों पर किसानों को तरह-तरह की जानकारी दी गई। खेती में आ रही दिक्कतों का समाधान किया गया। कृषि वैज्ञानिक डा. विनोद कुमार, डा. शशिकांत ने नई तकनीकी के तौर तरीके बताए गए। आलू की बोआई पर मुख्य फोकस रहा।