धान बाहुल्य क्षेत्रों में नहीं बने खरीद केंद्र, किसान परेशान
संवाद सहयोगी तिर्वा धान बाहुल्य क्षेत्रों में खरीद केंद्र नहीं बनाए गए। जहां धान की उपज नहीं
संवाद सहयोगी, तिर्वा: धान बाहुल्य क्षेत्रों में खरीद केंद्र नहीं बनाए गए। जहां धान की उपज नहीं, वहां पर बिचौलियों से धान की खरीद की जा रही। बाजार में पंजाब व महाराष्ट्र के आलू पर रोक लगे। इससे किसानों को भारी नुकसान हो रहा। यह बात प्रदर्शनकारियों ने कही है। शनिवार को तहसील में हसेरन के पूर्व ब्लाक प्रमुख दिगंबर सिंह यादव की अगुवाई में किसानों ने एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया। इसमें प्रदेश व केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ नाराजगी जताई। उन्होंने बताया कि खरीद केंद्रों को वहां खोला जाए, जहां पर धान की उपज होती है। ऐसी जगहों पर केंद्र खोले गए, जहां पर सिर्फ बिचौलियों से धान खरीदी जा रही। इसका सत्यापन कराया जाए। उन्होंने कहा कि लाखों रुपए की लागत लगाकर किसानों ने खेतों में आलू की उपज की। खोदाई के समय बाजार में पंजाब व महाराष्ट्र का आलू आने लगा। इससे आलू की कीमतें लगातार गिरती जा रही। इससे किसानों को नुकसान हो रहा। उन्होंने कहा कि 19 नवंबर को भी प्रदर्शन व ज्ञापन दिया था, लेकिन उस पर कोई सुनवाई नहीं हो सकी। किसानों ने शाम तीन बजे मुख्यमंत्री से संबोधित ज्ञापन एसडीएम जयकरन को दिया। इसमें राकेश यादव, बलवीर सिंह, पंकज, रमाकांत, बबलू यादव, दिनेश यादव, प्रमोद कुमार समेत कई लोग मौजूद रहे। एसडीएम ने बताया कि ज्ञापन को मुख्यमंत्री कार्यालय तक भेजा जाएगा।
केंद्रों का निरीक्षण कर देखी व्यवस्थाएं
संवाद सहयोगी, तिर्वा : बच्चों व गर्भवती के टीकाकरण अभियान की हकीकत देखकर चिकित्सा अधिकारी ने एएनएम व आशा को चेतावनी दी। अभियान को सफल बनाने को एक भी बच्चा टीकाकरण से छूटना नहीं चाहिए। 21 दिसंबर से आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर फाइलेरिया की टेबलेट लोगों को खिलाएंगी।
शनिवार को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सा अधिकारी डॉ. अवधेश कुमार ने टीकाकरण अभियान की हकीकत परखी। इसमें उन्होंने एमा व जनखत गांव में जाकर ग्रामीणों से बातचीत की। उन्होंने बताया कि एक भी बच्चा व गर्भवती टीकाकरण से छूटना नहीं चाहिए। उन्होंने कहा कि गर्भवती को हरी सब्जी, कैल्शियम, विटामिन की दवाएं समय पर लेनी चाहिए। चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि दो वर्ष से कम उम्र व गर्भवती महिलाओं को फाइलेरिया की टेबलेट नहीं दी जाएगी। इसके अलावा अन्य सभी ग्रामीणों को टेबलेट खिलाई जाएगी। आशा घर-घर जाकर टेबलेट देंगी और अपने सामने ही टेबलेट खिलाएंगी। इसमें 294 आशा कार्यकर्ताओं को लगाया गया और तीन लाख, 50 हजार से ज्यादा लोगों को टेबलेट खिलाने का लक्ष्य है। अभियान 21 दिसंबर से शुरू होगा और आठ जनवरी तक चलेगा। इसमें लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी।