कुष्ठ रोगी के साथ 24 घंटे रहने से रोग बढ़ने की संभावना
जागरण संवाददाता, कन्नौज: परिवार में अगर कोई कुष्ठ रोगी है तो 24 घंटे रोगी के साथ न रह
जागरण संवाददाता, कन्नौज: परिवार में अगर कोई कुष्ठ रोगी है तो 24 घंटे रोगी के साथ न रहें। साथ खाने या कुछ समय बिताने से यह रोग नहीं फैलता है। एमडीटी की लगातार दवाई से इस रोग को छह माह से एक साल में जड़ से समाप्त किया जा सकता है। यह बातें मुख्य चिकित्साधिकारी डा. कृष्ण स्वरूप ने कहीं।
मंगलवार को वह कार्यालय में कुष्ठ रोग के संबंध में आयोजित प्रेसवार्ता में बोले रहे थे। कहा कि राष्ट्रीय कुष्ठ रोग उन्मूलन कार्यक्रम के तहत कुष्ठ रोगी ,खोजी अभियान 16 से 29 जुलाई तक चलाया जा रहा है। इसमें घर-घर जाकर कुष्ठ रोगियों की पहचान की जाएगी। इसके बाद उनका इलाज चलेगा। इससे रोगी छह से एक साल में पूरी तरह से ठीक हो जाएंगे। बताया कि अभी तक चलाए गए अभियान में 76 कुष्ठ रोगी की पहचान की जा चुकी है। उनका इलाज शुरू कर दिया गया है। जिला कुष्ठ रोग अधिकारी डा. केसी राय ने बताया कि जिले में 1649 टीमें कुष्ठ रोगियों की पहचान को लगाई गईं हैं। इसमें 319 सुपरवाइजर लगाए गए हैं। एक टीम में एक पुरुष व एक महिला आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सम्मलित रहेंगी। यह एक दिन में 125 व्यक्तियों की जांच कर पड़ताल करेगी। उन्होंने कहा कि इस अभियान का उद्देश्य कुष्ठ रोग को जड़ से समाप्त करना है। एक ही परिवार के तीन बच्चे कुष्ठ रोगी
तहसील छिबरामऊ के बहबलपुर निवासी लल्ला बाबू ने बताया कि सबसे पहले उसकी बड़ी बेटी (12) कुष्ठ रोग की चपेट में आ गई। स्थानीय डाक्टरों के दिखाने पर उन्होंने इलाज शुरू किया लेकिन फायदा नहीं मिला। इसके बाद यह बीमारी बढ़ते ही चली गई। छोटे बच्चों के साथ रहने से छोटी बहन शिवानी (10) व छोटा भाई अमन (05) भी इस रोग की चपेट में आ गए। टीम ने अभियान के तहत इन बच्चों खोज निकाला। अब उनका इलाज शुरू कर दिया गया है। चिकित्सकों के मुताबिक यह बच्चे साल भर में पूरी तरह से स्वस्थ हो जाएंगे। बताया कि शारीरिक कमजोरी की वजह से यह वैक्टरिया रोग का रूप ले लेता है। समय से इलाज से इस रोग को जड़ से समाप्त किया जा सकता है। कुष्ठ रोग के प्रमुख लक्षण
-त्वचा पर हल्के रंग के धब्बे, सूखापन या सुन्नपन हो।
-हाथों, पैरों में झुनझुनी, जलन व कमजोरी।
-वस्तुओं को पकड़ने या उठाने में कमजोरी।
-गहरे जख्म में दर्द न होना।
-हाथ, पैर, आंख में विकृति होना।
-चेहरे,शरीर या गर्दन पर गांठे, छाले व घाव होना।