प्लांट बंद, कूड़े का बन रहा पहाड़
-छह माह से बंद है कूड़ा निस्तारण प्लांट -अब गाजीपुर गांव में डंप हो रहा कूड़ा ागरण
-छह माह से बंद है कूड़ा निस्तारण प्लांट
-अब गाजीपुर गांव में डंप हो रहा कूड़ा
ागरण संवाददाता, कन्नौज: इत्र नगरी को स्वच्छता सर्वेक्षण 2021 में एक लाख से कम आबादी वाले शहरों में बेस्ट गंगा टाउन का पुरस्कार मिला है। कन्नौज की प्रदेश में दूसरी और नार्थ जोन में छठवीं रैंक आई है। हमारा शहर पहले पायदान पर क्यों नहीं आया। इसके पीछे कुछ कारण हैं। इनमें सबसे पहला कारण कूड़े का सही तरीके से निस्तारण न होना है। यहां कूड़ा निस्तारण प्लांट बना तो है, मगर वह कभी चलता है तो कभी नहीं। लिहाजा कूड़ा निस्तारण करने का प्लांट खुद ही कूड़ा बना जा रहा है। यह प्लांट पिछले छह माह से बंद है।
साल 2010 में चार करोड़ की लागत से अजय पाल रोड पाटा नाला के पास कूड़ा निस्तारण संयंत्र बनाया गया था। प्लांट का ठेका 30 साल के लिए एक निजी कंपनी को दे दिया गया। प्लांट की क्षमता 25 टन है, पर वर्तमान में यह प्लांट बंद है। यहां तैनात सुपरवाइजर राज करन सिंह बताते हैं कि वह दो दिन पहले ही यहां आए हैं। बताया कि प्लांट में लगी करीब आठ मोटरें चोरी हो गईं हैं। मोटर न होने के कारण यह प्लांट पिछले छह माह से बंद है, जिस कारण से यहां कूड़े का निस्तारण नहीं हो पा रहा है। बताया कि इन मोटरों की लागत 10 लाख रुपये है। कंपनी को इसके बारे में बताया गया है। वह भी लगातार प्रयास कर रहे हैं कि मोटरें आ जाएं और प्लांट शुरू हो जाए। प्लांट में कूड़ा डंप होने के कारण यहां कूड़े का पहाड़ बन गया है। स्थान न हो पाने के कारण गाजीपुर गांव के पास भी कूड़ा डंप होने लगा है। -- एक और प्लांट की जरूरत शहर में करीब प्रतिदिन 40 टन कूड़ा निकलता है। यह पूरा कूड़ा प्रतिदिन का प्रतिदिन निस्तारित हो जाए इसके लिए एक और प्लांट की जरूरत है। वर्तमान में जो प्लांट लगा है, उसकी क्षमता 25 टन कूड़ा निस्तारित करने की है। ऐसे में इतनी ही क्षमता वाले एक और प्लांट की जरूरत है, ताकि शहर से निकलने वाले कूड़े का सही ढंग से निस्तारण हो सके। ऐसा होने से यहां कूड़ा और अन्य स्थानों पर कूड़ा डंप नहीं होगा। ------- प्लांट प्रदेश सरकार का उपक्रम है। उसे शुरू कराने को कई बार पत्राचार कर चुका हूं, मगर कोई सुनवाई नहीं। वर्तमान में गाजीपुर गांव के पास कूड़ा डंप किया जा रहा है। जब यह प्लांट बना था, तब आबादी कुछ और थी और वर्तमान में कुछ और। ऐसे में एक और प्लांट की जरूरत है। -शैलेंद्र अग्निहोत्री, चेयरमैन नगर पालिका कन्नौज।