बेसिक शिक्षा विभाग में ऑडिट के नाम पर खुलेआम वसूली
जागरण संवाददाता कन्नौज बेसिक शिक्षा विभाग में भ्रष्टाचार इस कदर हावी है कि विद्यालयी प्रबंध
जागरण संवाददाता, कन्नौज : बेसिक शिक्षा विभाग में भ्रष्टाचार इस कदर हावी है कि विद्यालयी प्रबंध समिति (एसएमसी) के ऑडिट के नाम पर खुलेआम प्रधानाध्यापकों से वसूली की जा रही है। कई वाट्सएप ग्रुपों में खंड शिक्षा अधिकारी का आदेश बताकर प्रधानाध्यापकों से 300 रुपये जमा करने का दबाव बनाया गया है।
भ्रष्टाचार का यह मामला तालग्राम ब्लॉक के एक वाट्सएप ग्रुप में देखने को मिला है, जिसमें संकुल प्रभारी ने प्रधानाध्यापकों को एसएमसी ऑडिट करवाने के लिए कहा तथा 300 रुपये प्रति विद्यालय के हिसाब से रजिस्टर के साथ जमा करने के निर्देश दिए। साथ ही यह हिदायत भी दी गई है, कोई भी शिक्षक ऑडिट के लिए नहीं आएगा। केवल रजिस्टर न्याय पंचायत संसाधन केंद्र पर जमा करने के लिए कहा गया। विशेष बात यह है कि इस संदेश में खंड शिक्षा अधिकारी के आदेश का हवाला दिया गया है। इसके अलावा जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी का पत्र भी पोस्ट किया गया है। यह बानगी केवल तालग्राम ब्लॉक की है, जबकि जिले के सभी ब्लॉकों में ऑडिट के नाम पर वसूली का खेल चल रहा है। इस बाबत तालग्राम के खंड शिक्षा अधिकारी पवन द्विवेदी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि मामला संज्ञान में आया है। संकुल प्रभारी को लिखित नोटिस देकर स्पष्टीकरण मांगा गया है। मामले से उच्चाधिकारियों को अवगत करा दिया गया है।
संकुल प्रभारी ने दी सफाई
बीईओ ने बताया कि जब उन्होंने मैसेज पोस्ट करने वाले संकुल प्रभारी से फोन पर पूछा तो उन्होंने सफाई देते हुए बताया कि बेटे से हिदी में मैसेज टाइप कराया था, जिसमें तीन प्रतियों की जगह 300 रुपये लिख गया है। अब गौर करने वाली बात है कि मैसेज में 300 से पहले रुपये का प्रतीक चिह्न (9) बना है, जिससे साबित होता है कि वसूली के लिए ही यह संदेश भेजा गया है।
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यह गंभीर मामला है, जिसके लिए जांच समिति गठित की जाएगी। वसूली करने वाले संकुल प्रभारियों पर कार्रवाई की जाएगी। एसएमसी के ऑडिट में रुपये नहीं लिए जाते हैं।
-केके ओझा, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी