तीसरे दिन चंद्रघंटा की स्तुति, मांगी मनौतियां
जागरण संवाददाता कन्नौज नवरात्र के तीसरे दिन भक्तों ने देवी मंदिरों में जाकर माता चंद्रघंटा
जागरण संवाददाता, कन्नौज: नवरात्र के तीसरे दिन भक्तों ने देवी मंदिरों में जाकर माता चंद्रघंटा की स्तुति की और मातारानी के जयकारे लगाए। वहीं, ऐतिहासिक सिंहवाहिनी मंदिर में भक्तों ने मातारानी का फूलों से श्रृंगार किया। देर रात तक मंदिरों में पूजा-अर्चना का क्रम चलता रहा।
सोमवार को नवरात्र के तीसरे दिन भक्तों ने आदिशक्ति के तृतीय स्वरूप चंद्रघंटा की स्तुति की और माता से मनौतियां मांगीं। घरों में भी भक्तों ने व्रत रहकर मातारानी की पूजा-अर्चना की। ऐतिहासिक सिंहवाहिनी मंदिर पर भक्तों ने ताजे फूलों से मातारानी का श्रृंगार किया और आरती उतारी। सिद्धपीठ फूलमती देवी मंदिर पर भी पुजारी शिखर मिश्रा ने महाआरती की, जिसमें सैकड़ों भक्त शामिल हुए। भक्तों ने गगनभेदी जयकारे लगाए। इसी तरह माता क्षेमकली और गोवर्धनी देवी मंदिर पर भी मातारानी के दर्शनों के लिए भक्तों का तांता लगा रहा। देवी जागरण में झूमे भक्त
संवाद सूत्र, चपुन्ना: रविवार रात को सल्लू चंचल म्यूजिक ग्रुप छिबरामऊ की ओर से देवी जागरण का आयोजन किया गया। गायिका श्वेता तिवारी ने घनश्याम तेरी बंसी पागल कर जाती है, मुकेश राज ने चलो बुलावा आया है एवं बेटा बुलाए झट दौड़ी चली आए मां गाए। पूरी रात चले इस कार्यक्रम में भगवान शिव, मां काली, वीर हनुमान सहित कई जीवंत झांकियां प्रस्तुत की गई। इस दौरान विजय वर्मा, छवि वर्मा, अरुण वर्मा, दीपू, सुमित, राहुल, अनूप सिंह मौजूद रहे। राम की लीलाओं को देख श्रोता भाव विभोर
संवाद सूत्र, सौरिख : सकरावा में श्रीरामलीला महोत्सव की शुरुआत फर्रुखाबाद के समाजसेवी डा. अनुपम दुबे ने फीता काटकर की। उन्होंने भगवान गणेश की आरती उतारी। कहा आज के युवाओं को मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम के आचरण से सीख लेनी चाहिए। आयोजक पिन्टू मिश्रा व शैलू मिश्रा ने मुख्य अतिथि को पगड़ी व माला पहनाकर स्वागत किया किया। देवी मंदिरों में लगी रही भीड़
संवाद सूत्र गुरसहायगंज: सोमवार को नगर के जीटी रोड स्थित श्रीराम मंदिर, संतोषी माता मंदिर, मनकामेर्श्वर मंदिर, पावर हाउस स्थित गंगेर्श्वर नाथ मंदिर, चकोर गली स्थित पशुपति नाथ मंदिर, आजाद नगर स्थित प्राचीन काली देवी मंदिर सहित आसपास के देवालयों में श्रद्धालुओं ने पहुंचकर नवरात्र के तृतीय दिवस पर चन्द्रघण्टा की आरती वंदना कर आराधना की।