अर्श से फर्श पर पहुंचा पुराना आलू
संवाद सहयोगी छिबरामऊ कोल्ड में रखे आलू की बिगड़ी स्थिति में बारिश में बीज सड़ने के बाद
संवाद सहयोगी, छिबरामऊ: कोल्ड में रखे आलू की बिगड़ी स्थिति में बारिश में बीज सड़ने के बाद सुधार आ गया। एकाएक कीमतें आसमान छूने लगे। 1400 रुपये पैकेट तक आलू बिका। वहीं इस समय आलू की स्थिति बेहद खराब हो गई है। किसान निकासी के लिए भी मन नहीं बना पा रहे हैं।
इस बार कोल्ड में रखे आलू की स्थिति शुरुआती समय में बेहद खराब थी। जून जुलाई में सफेद आलू 200 से 250 रुपये प्रति पैकेट तक बिक रहा था। ऐसे में कोल्ड से निकासी बेहद कम हो रही थी। बमुश्किल 10 से 15 प्रतिशत आलू निकाला गया था। कोल्ड संचालकों को आलू के फेंकने की उम्मीद लग रही थी। सितंबर और अक्टूबर माह की बारिश ने आलू के बीज को खेत में सड़ा दिया। इससे मांग बढ़ गई। किसानों ने दोबारा से आलू की खरीद की। करीब चार गुना कीमत बढ़ गई। 200 से 250 रुपये पैकेट बिकने वाला आलू 700 से 800 रुपये में पहुंच गया। वहीं हालैंड ने 1400 रुपये प्रति पैकेट तक के भाव को छुआ। वही बीज की मांग खत्म होने के बाद फिर से आलू खराब स्थिति में पहुंच गया है। इस समय सफेद आलू 100 से 150 रुपये में मांगा जा रहा है। बहुत अच्छा आलू 250 रुपये प्रति पैकेट बिक रहा है। वही हालैंड 325 रुपये व कंचन 300 रुपये प्रति पैकेट बिक्री हो रही हैं। ऐसे में किसान आलू निकासी से बच रहा है।
बोले किसान
इस समय आलू की कीमत बेहद कम है। आवश्यकता की वजह से आलू की बिक्री करना मजबूरी है। इस बार आलू ने बेहद नुकसान पहुंचाया है। बारिश में किसान का बीज खराब हुआ। कोल्ड में भी रखे आलू की अच्छी कीमत नहीं मिल सकी है।
- किसान रणधीर सिंह, कल्यानपुर बारिश की वजह से आलू की फसल प्रभावित हुई है। रुपयों का इंतजाम किया है। अब नए सिरे से खेत में आलू रखना है। इसके लिए बीज खरीदने आए हैं। इस समय आलू की कीमत कम हो गई है। बीच में कीमत चार गुना अधिक थी।
-किसान राधेश्याम, खजुरियन नगला कोल्ड में रखे आलू की शुरुआत से ही स्थिति खराब थी। किसानों को 150 से 250 रुपये में सफेद आलू बेचना पड़ रहा था। किसानों को कोल्ड का किराया भी पास से देने की नौबत आ रही थी। एक महीने के बाद फिर से स्थिति खराब हो गई है।
- किसान रनवीर सिंह, कल्यानपुर सितंबर व अक्टूबर माह की बारिश से आलू का बीज खेत में ही खराब हो गया। किसानों ने दोबारा से अधिक कीमत पर बीज खरीद कर रखा। इस समय आलू मिट्टी के मोल बिक रहा है। कच्ची फसल में भी विशेष लाभ होता नहीं नजर आ रहा है।
- किसान प्रदीप सिंह, अभयपुर नगरिया
कोल्ड स्टोर मैनेजर बोले
इस समय आलू की निकासी बेहद कम हो रही है। कोल्ड स्टोर में अभी नौ प्रतिशत आलू निकासी के लिए बचा है। किसान कीमत कम हो जाने की वजह से आलू निकासी में रुचि नहीं ले रहे हैं। बीच में कीमत बढ़ने पर तेजी से आलू की निकासी हुई थी।
वीरेंद्र पाल, मैनेजर, किसान कोल्ड स्टोरेज छिबरामऊ