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नर्सो के भरोसे एसएनसीयू वार्ड, खतरे में नवजात की जान

जागरण संवाददाता, कन्नौज: इन दिनों जिला अस्पताल का एसएनसीयू (¨सक न्यूबर्न केयर यूनिट) वार्ड नवजात

By JagranEdited By: Published: Sat, 14 Jul 2018 11:10 PM (IST)Updated: Sat, 14 Jul 2018 11:10 PM (IST)
नर्सो के भरोसे एसएनसीयू वार्ड, खतरे में नवजात की जान
नर्सो के भरोसे एसएनसीयू वार्ड, खतरे में नवजात की जान

जागरण संवाददाता, कन्नौज: इन दिनों जिला अस्पताल का एसएनसीयू (¨सक न्यूबर्न केयर यूनिट) वार्ड नवजात बच्चों के लिए किसी खतरे से कम नहीं है। यहां जीरो से 28 दिन के नवजात बच्चों को गंभीर हालत में रखा जाता है। इस वार्ड में जीवन रक्षक सभी सुविधाएं हैं। इसके बावजूद जिम्मेदार घोर लापरवाही पर आमादा है। यही वजह है कि चार डाक्टरों की तैनाती में करीब डेढ़ माह से सिर्फ दो चिकित्सक ही ड्यटी कर रहे हैं। लगातार ड्यूटी करने के बाद चिकित्सक छुट्टी में चले जाते हैं। ऐसे में अक्सर वार्ड नर्सों के भरोसे रहता है। नोडल अधिकारी इसकी कई बार शिकायत कर चुके हैं लेकिन जनप्रतिनिधि व उच्चाधिकारियों से साठगांठ होने से कार्रवाई शून्य है।

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जिला अस्पताल में नवजात बच्चों को जीवन देने के लिए एसएनसीयू वार्ड बनाया गया है। इस वार्ड में एक साथ 10 से 11 नवजात को जीवन रक्षक प्रणाली पर रखने की व्यवस्था है। यहां जीरो से 28 दिन के मरीजों को रखने की व्यवस्था की गई है। इसमें जिला अस्पताल या प्राइवेट अस्पताल में प्रसव के दौरान जन्म लेने वाले गंभीर बीमारी के नवजात को भर्ती कराया गया जाता है। महत्वपूर्ण वार्ड होने की वजह से यहां चार चिकित्सकों, आठ स्टाफ नर्स समेत अन्य कर्मचारियों की तैनाती की गई है। यहां चिकित्सकों समेत कर्मियों की 24 घंटे ड्यूटी की सुविधा है। इसके बाद भी घोर लापरवाही सामने आ रही है। हालात यह हैं कि करीब डेढ़ माह से यहां चार डाक्टरों में सिर्फ दो आ रहे हैं। दिन रात ड्यूटी करने के बाद चिकित्सक छुट्टी पर चले जाते हैं। ऐसे में कई दिन एसएनसीयू वार्ड नर्सों के भरोसे चल रहा है। इन डाक्टरों व नर्सों की तैनाती

एसएनसीयू वार्ड में डा. सुमित सचान-नोडल अधिकारी के अलावा डा. मोहित शंकर, डा. पीएम यादव, डा. आर राजकुमार के साथ मेल स्टाफ में विजेन्द्र कुमार, अवनीश कुमार, आरती दिवाकर, स्टाफ नर्स में पूर्वा वर्मा, ग्रीश कुमारी, यशोदा, रिजवाना खान, अनीता देवी, श्रुतिकीर्ति की तैनाती है। इसके अलावा वार्ड आया में मंजू, संगीता, शशी, मनीषा, वार्ड स्वीपर व सरिता को नियुक्त किया है। इसमें डा. आर राजकुमार व डा. पीएम यादव करीब डेढ़ माह से नहीं आ रहे हैं। वहीं, शनिवार को डा. मोहित शंकर की ड्यूटी थी लेकिन दोपहर एक बजे तक वह नहीं आए थे। इसकी वजह से स्टाफ नर्स ही जिम्मेदारी संभाल रही थी। सात नवजात भर्ती

वर्तमान में एसएनसीयू वार्ड में सात नवजात बच्चे भर्ती है। इसमें दो का वजन बहुत कम होने से उनकी हालत नाजुक बनी हुई है। हालांकि उन्हें जीवन रक्षक प्रणाली पर रखा गया है। एमबीबीएस चिकित्सकों के न होने से नवजात पर पल-पल खतरा बना रहता है। जून में चार बच्चों की मौत, 18 रेफर

जून में एसएनसीयू वार्ड में कुल 99 नवजात बच्चे भर्ती कराए गए है। इसमें चार नवजात की मौत हो गई जबकि 11 को गंभीर हालत में रेफर कर दिया गया। वहीं, मृतक नवजातों में तीन बाहर से बच्चे गंभीर हालत में लाए गए थे जबकि एक जिला अस्पताल में भी जन्मा था। चिकित्सकों के मुताबिक सभी कम दिनों में जन्मे थे और उन्हें पीलिया समेत कई गंभीर बीमारियां थी। इसकी वजह से उन्हें बचाया नहीं जा सका। जिम्मेदार बोले

एसएनसीयू वार्ड में चिकित्सकों समेत कर्मचारियों की 24 घंटे ड्यूटी है। करीब डेढ़ माह से दो चिकित्सक नहीं आ रहे हैं। इसको लेकर उच्चाधिकारियों को अवगत करा दिया गया है। लगातार ड्यूटी करने के बाद छुट्टी की जरूरत पड़ती है। इसकी वजह से बिना चिकित्सक के काम चल रहा है।

-डा. सुमित सचान, बाल रोग विशेषज्ञ व नोडल अधिकारी। अफसर बोले

सभी चिकित्सकों को समय से ड्यूटी पर उपस्थित रहने के निर्देश दिए जा चुके हैं। इसके बाद भी कुछ चिकित्सक गड़बड़ी कर रहे हैं। उनके खिलाफ पत्र लिखा जाएगा। साथ ही उच्चाधिकारियों को पूरे मामले की जानकारी दी जाएगी। आने वाले दिनों में एसएनसीयू की व्यवस्थाएं बेहतर की जाएगी।

-डा. आरपी शाक्य, मुख्य चिकित्साधीक्षक।


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