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बजट के इंतजार में पीआइसीयू में नहीं लगे न्यू नेटल वेंटिलेटर

संवाद सहयोगी तिर्वा कोरोना के संभावित खतरे को लेकर मेडिकल कालेज में अभी भी तैयारियां अधूर

By JagranEdited By: Published: Tue, 20 Jul 2021 05:21 PM (IST)Updated: Tue, 20 Jul 2021 05:21 PM (IST)
बजट के इंतजार में पीआइसीयू में नहीं लगे न्यू नेटल वेंटिलेटर
बजट के इंतजार में पीआइसीयू में नहीं लगे न्यू नेटल वेंटिलेटर

संवाद सहयोगी, तिर्वा: कोरोना के संभावित खतरे को लेकर मेडिकल कालेज में अभी भी तैयारियां अधूरी हैं। यहां संक्रमित बच्चों को भर्ती करने के लिए वेंटिलेटर नहीं है। न्यू नेटल वेंटिलेटर खरीद को छह करोड़ बजट का प्रस्ताव शासन स्तर पर भेजा गया था। इसको अभी तक मंजूरी नहीं मिली है।

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राजकीय मेडिकल कालेज में लेवल टू का 100 बेड का पीआइसीयू बनाया गया है। संक्रमित बच्चों को भर्ती करने के लिए तीन स्टेप बनाए गए हैं। पहले पांच बेड के ट्रायल रूम में बच्चे भर्ती होंगे। यहां पर बच्चे का सैंपल लिया जाएगा। रिपोर्ट आने के बाद अन्य जांचें होंगी। इसके बाद हालातों को देखने के बाद एचडीयू (हाई डिफिनेशन यूनिट) व आइसीयू में भर्ती कराया जाएगा। इसमें नवजात को भर्ती करने के लिए अभी न्यू नेटल वेंटिलेटर नहीं लगे हैं। छह न्यू नेटल वेंटिलेटर समेत अन्य छिटपुट कमियों को दूर करने के लिए मेडिकल कालेज प्रशासन ने छह करोड़ का प्रस्ताव शासन स्तर पर भेजा था। बजट को अभी मंजूरी नहीं मिली है। इससे न्यू नेटल वेंटिलेटर नहीं लग सके हैं।

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ये हैं व्यवस्थाएं

-100 बेड के पीआइसीयू में सभी बेड पर 24 घंटे आक्सीजन पाइप लाइनों से सप्लाई की व्यवस्था

-20 बेड का आइसीयू वेंटिलेटर समेत।

-एचडीयू में पांच वेंटिलेटर, 15 एचएफएनसी व 10 बाइपेप बेड।

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इनको दी गई ट्रेनिग

स्टाफ नर्स - 150

जूनियर डाक्टर - 50

सीनियर डाक्टर - 10

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ये हैं बाल रोग विशेषज्ञ

बाल रोग विभागाध्यक्ष आचार्य डा. भावना तिवारी, सह आचार्य डा. कैलाश सोनी, सह आचार्य डा. नरेंद्र सिंह, सहायक आचार्य डा. प्रियंका।

आक्सीजन प्लांट की स्थिति

परिसर में दो आक्सीजन प्लांट बनाए गए हैं। इसमें एक प्लांट को शुरू कर दिया गया। इसमें 960 लीटर प्रति मिनट आक्सीजन का उत्पादन होगा। पाइप लाइनों के सहारे आक्सीजन की सप्लाई वार्डो में की जाएगी।

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वेंटिलेटर, एचएफएनसी व आक्सीजन प्लांट का ट्रायल किया जा चुका है। न्यू नेटल वेंटिलेटर की कमी है। बाकी व्यवस्थाएं पूरी कर ली गई हैं। वार्डो में दवाएं, इंजेक्शन समेत अन्य उपकरण भी रखवाए जा रहे हैं।

डा. नवनीत कुमार, प्राचार्य, राजकीय मेडिकल कालेज


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