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नवरात्र आज से, घर-घर विराजेंगी मां भवानी

जागरण संवाददाता कन्नौज वासंतिक नवरात्र आज से प्रारंभ हो रहे हैं। मातारानी के भक्त घरों

By JagranEdited By: Published: Mon, 12 Apr 2021 07:13 PM (IST)Updated: Mon, 12 Apr 2021 07:13 PM (IST)
नवरात्र आज से, घर-घर विराजेंगी मां भवानी
नवरात्र आज से, घर-घर विराजेंगी मां भवानी

जागरण संवाददाता, कन्नौज : वासंतिक नवरात्र आज से प्रारंभ हो रहे हैं। मातारानी के भक्त घरों में स्थापना कर नौ दिन तक व्रत करेंगे। वहीं, शहर के प्रमुख देवी मंदिरों की भी सजावट की गई है। इस बार कोरोना संकट के चलते भक्तों को मंदिरों में कोविड प्रोटोकाल का पालन करना होगा। इसके लिए ऐतिहासिक मंदिरों में कोविड प्रोटोकाल का पालन कराने के लिए बैरीकेडिग कराई गई है।

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नवरात्र देवी के नौ स्वरूपों की पूजा करने का पर्व है, जिसमें माता के भक्त नौ दिन तक व्रत रहकर मातारानी की पूजा अर्चना करते हैं। इसके लिए घरों में पूजास्थल के पास ही माता की स्थापना की जाएगी। इसके लिए लोगों ने बाजार जाकर पूजन सामग्री खरीदी। कई लोग सुबह-शाम घरों में पूजा करने के बाद मंदिरों में भी दर्शन करने जाते हैं। इस बार कोरोना संक्रमण का प्रसार अधिक है, जिसके चलते मंदिरों में भीड़ कम होगी। फिर भी मंदिर प्रशासन ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए बैरीकेडिग कराई है। सुरक्षा के लिए मंदिरों में पुलिस बल भी तैनात किया जाएगा। शहर के ऐतिहासिक फूलमती देवी मंदिर के पुजारी शिखर मिश्रा ने बताया कि बिना मास्क के किसी को भी मंदिर में प्रवेश नहीं दिया जाएगा। सुबह शाम आरती के समय तथा दिन में दर्शनों के दौरान भक्तों को शारीरिक दूरी के नियम का पालन करना होगा। इसी तरह माता क्षेमकली, सिंहवाहिनी, मौरारी देवी, शीतला माता, काली दुर्गा मंदिर तथा छिबरामऊ के ऐतिहासिक कालिका देवी मंदिर में भी बैरीकेडिग कराई गई है।

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कोरोना संकट दूर करने की करें प्रार्थना

नवरात्र में देवी के स्वरूपों की पूजा करने से मनवांछित फल प्राप्त होता है। आचार्य वीरचंद्र त्रिपाठी ने बताया कि पिछले साल भी नवरात्र में कोरोना संकट था, इस बार भी कोरोना तेजी से फैल रहा है। ऐसे में माता के उपासकों को चाहिए कि वह प्रतिदिन पूजन के दौरान यज्ञ करें, जिसमें कोरोना संकट को दूर करने के लिए आहुति अवश्य दें, निश्चित ही नवरात्र में कोरोना का प्रसार कम होगा। अकाल मृत्यु का हरण करने के लिए महामृत्युंजय मंत्र तथा देवी कवच का नियमित रूप से पाठ करें।


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