मनरेगा देगा प्रवासियों को 'रोजगार की गारंटी'
जागरण संवाददाता कन्नौज महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम यानी मनरेगा र
जागरण संवाददाता, कन्नौज : महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम यानी मनरेगा रफ्तार फिर पकड़ेगी। स्थानीय श्रमिकों के साथ बाहर से आए प्रवासियों को मनरेगा में बराबर काम मिलेगा। कोरोना कर्फ्यू के दौरान काम की कमी नहीं होगी ऐसा दावा किया जा रहा है। गांव-गांव कच्चे-पक्के कार्य की योजना शासन के निर्देश पर बनाई जा रही है। प्रवासियों पर ज्यादा फोकस है। मनरेगा सेल से प्रवासी, कार्ययोजना, मानव दिवस समेत रोजगार से जुड़े कई बिदुओं पर जानकारी मांगी है। कोरोना कर्फ्यू के दौरान मनरेगा समेत सभी जगह काम ठप हैं और ग्राफ काफी हद तक गिरा है। श्रमिकों की संख्या भी घटी है। पिछले वर्ष लॉकडाउन में भी यही स्थिति थी, लेकिन मनरेगा के कार्यो ने काफी जोर पकड़ा था।
नौ प्रवासियों के जॉब कार्ड बने, 45 परिवार लाभान्वित
मनरेगा में काम देने के लिए इच्छुक प्रवासियों व स्थानीय श्रमिकों के जॉब कार्ड बनाए जा रहे हैं। अब तक बाहर से आए नौ प्रवासियों के जॉब कार्ड बनने के साथ काम मिला है। वहीं, 45 परिवार ऐसे लाभान्वित हुए हैं, जिनके घर का जॉब कार्ड सदस्य बाहर है। उन्हीं जॉब कार्ड के आधार परिवार के सदस्य को जोड़कर काम दिया गया है। ग्राम पंचायतों पर ये होंगे कार्य
- तालाब निर्माण, मरम्मत, सफाई व सुंदरीकरण
- प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री आवास निर्माण
- कच्ची व पक्की सड़क निर्माण व इंटरलॉकिग
- खेत, तालाब व सड़क का समतलीकरण
- मेड़ बंदी, नहरों की सफाई
- पौधारोपण के लिए गड्ढे खोदना
- चकमार्ग की कटाई, मिट्टी भराई
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वर्तमान स्थिति
- कुल 499 ग्राम पंचायत
- 65 ग्राम पंचायतों में काम
- 85 हजार काम करने वाले श्रमिक
- 877 श्रमिक को वर्तमान में काम
स्थानीय व प्रवासियों को मनरेगा में बराबर काम मिलेगा। कार्ययोजना बनाई गई है। प्रवासियों के जॉब कार्ड बनाए जा रहे हैं। कच्चे व पक्के सभी पंचायतों में काम होंगे। इससे रोजगार का संकट नहीं होगा।
-दयाराम यादव, उपायुक्त मनरेगा