जउन दीहै पानी, ओही का मिलिहै परधानी !
संवादसूत्र ठठिया त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में स्थानीय मुद्दे प्रत्याशियों पर हावी हैं। कोई पेयजल
संवादसूत्र, ठठिया : त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में स्थानीय मुद्दे प्रत्याशियों पर हावी हैं। कोई पेयजल संकट की बात कहता है तो किसी को पेंशन नहीं मिली। कई लोग तो कहते हैं कि जिला ओडीएफ घोषित हो गया, लेकिन उन्हें एक अदद इज्जतघर भी नहीं मिला। प्रत्याशी भी लोगों की बात सुनकर जीतने के बाद हर समस्या दूर कराने का आश्वासन दे रहे हैं।
उमर्दा ब्लाक की ग्राम सभा ठठिया के एक मोहल्ले में कुछ महिलाएं चुनावी चर्चा में मशगूल थीं। गांव के होरीलाल का निधन हो चुका है, उनकी पत्नी सुलोचना ने कहा कि पिछले दस सालन से पानी की टंकी सरकार ने बनवाई लेकिन आज तक कबहुं एक सप्ताह भर लो पानी नाही पीवे को मिल्हो । अबकी बार ओहि प्रधान को चुनिहै जो बोट लीवे के बाद हमारी मजबूरिया खुद दिखिहै। दलालन कौ वोट नाहीं दीहैं। इतनी सुनने के बाद छुट्टन की पत्नी मीना देवी बोलीं- अरे अम्मा तुम्है तो केवल अपने भर को पानी भरन परत है, हमसे पूछो आदमी ठिलिया लगाइवे चलो जात है बच्चन को कमरा मैं बन्द करकै हमे बड़े आदमिन के दुआरे खाली बाल्टियां लइके जान परत है। तब मुश्किल मा पानी मिलत है । तभी अपने पति को दुकान से खाना देकर लौट रही रामसेवक की पत्नी विद्यावती बोली काहे जिज्जी! तुम तो कहति हती की अब प्रधानी के बोट परिबे को है अब पानी नाही बंद हुईहै, लेकिन हम तो देखि रही है 12 दिनन से पानी के दर्शन नहीं मिले। काहे हम बोट दिहै हमतो ई चुनाव मा प्रधानी का बोट डरिहै नाहीं। काहे कि पीछे दस सालन से दुइ प्रधानन की रवैय्या देख लौ जितवे के बाद कोऊ प्रधान झकनि तक नाहीं आओ। ई बेरा देखो कइसे कइसे मीठी बोली बोलत हैं । बाद में दलाल भेजि कै कालोनिन के नाम पै हजारों रुपिया घूस लइके तब कालोनी मिलत है। जिनके पास घूस दीवे को रकम नाही है उहिको कालोनी नाहीं मिल पाई। गोद मे नाती खिलाती हुई विधवा चंदा बोली की हमाए बिहाय को 50 साले हुई गयीं, जितनो प्रधानी में दलाली दुइ प्रधानन ने करो, इतनो तो कबहुं नाहीं भओ, अबकी बार साफ सुथरी प्रधानी होऊन चाही, ईके लि ईमानदार को वोट दिहैं। साथ में ंफूलनदेबी ,रामप्यारी ,शशी ,माया ,रेशमा ,सुसीला ,मोहनी ,सुधा पिकी मीना सहित मोहल्ले की कई महिलाओं ने परिचर्चा में भाग लिया।