कब्जा कर यूनानी अस्पताल को ही बना लिया आशियाना
जागरण संवाददाता, कन्नौज: ग्रामीणों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिलें। इसके लिए सरकारी यूनानी अस्प
जागरण संवाददाता, कन्नौज: ग्रामीणों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिलें। इसके लिए सरकारी यूनानी अस्पताल खोला गया था। मगर अफसरों की मनमानी और लापरवाहपूर्ण कार्यशैली के कारण यह अस्पताल अब किसी का आशियाना बन गया है। परिवार यहां कब्जाकर गुजर बसर कर रहा है। परिसर में बकरी और मुर्गियां पल रहीं हैं।
ठठिया क्षेत्र के गांव रूरा में करीब तीन साल पहले लाखों की लागत से सरकारी यूनानी अस्पताल बनाया गया था। उम्मीद थी कि इस गांव के साथ-साथ आसपास के ग्रामीणों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिलेंगी। दूर-दराज के अस्पतालों का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा। मगर स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के कारण यह अस्पताल कब्जे का शिकार हो गया। एक परिवार कब्जाकर यहां रह रहा है। वार्ड रूम में घरेलू सामान भरा हुआ है। जगह-जगह बांधी गई रस्सियों में कपड़े सूख रहे हैं। साथ ही उसने बकरी और मुर्गियां भी पाल रखी हैं। ग्रामीणों की मानें तो अस्पताल बनने का उन्हें कोई लाभ नहीं मिला। उन्हें आज भी दूर-दराज स्थित अस्पतालों के ही चक्कर काटने पड़ते हैं।
कभी नहीं देखा डॉक्टरों को
आयुर्वेदिक उपचार के लिए यहां चिकित्सा अधिकारी के पद पर हिना कौसर की तैनाती है। इसके अलावा डॉक्टर मोहम्मद साकिब, फार्मासिस्ट मोहम्मद ऐनुल हक, कक्ष सेवक विमल कुमार की तैनाती है। मगर इनमे से यहां कोई नहीं आता। हां, सभी को वेतन हर माह मिल रहा है। ग्रामीणों का कहना है यहां कौन-कौन से डॉक्टर तैनात हैं, उनके नामों की जानकारी यहां लगे बोर्ड से हुई। इन पर सभी के नाम अंकित हैं। पर अब ये लोग दिखाई नहीं पड़ते। हां चिकित्साधिकारी को तो किसी ने नहीं देखा।
-मामले की जानकारी नहीं है। अगर ऐसा है तो अस्पताल को कब्जामुक्त कराया जाएगा। कब्जा करने वाले के खिलाफ मुकदमा होगा। इसके अलावा यहां तैनात डॉक्टर या कर्मी आ रहे हैं या नहीं। इसकी जांच करवाई जाएगी। दोषी मिलने पर कार्रवाई होगी।
-रवींद्र कुमार, डीएम