जांच ने पकड़ी तेजी, तहसील के चक्कर लगाने लगे लोग
भूमि अधिग्रहण प्रकरण - आगरा लखनऊ एक्सप्रेस-वे के 30 बैनामों का मामला - आर्थिक अपराध अनुसंधान
भूमि अधिग्रहण प्रकरण
- आगरा लखनऊ एक्सप्रेस-वे के 30 बैनामों का मामला
- आर्थिक अपराध अनुसंधान शाखा कर रही जांच
संवाद सहयोगी, छिबरामऊ: आगरा लखनऊ एक्सप्रेस-वे जमीन के बैनामा की जांच को लेकर अफसरों ने सख्ती बरती तो लोग तहसील के चक्कर लगाने लगे हैं। कर्मचारियों की मदद से कार्रवाई के बारे में जानकारी करने का प्रयास कर रहे हैं।
सपा शासनकाल में आगरा लखनऊ एक्सप्रेस-वे का निर्माण कराया गया था। इस बीच किसानों की जमीन खरीदी गई थी। एक दिसंबर 2012 से 31 दिसंबर 2014 के बीच करीब 30 बैनामा आडिट में चिह्नित किए गए। संदिग्ध मानकर इनकी जांच आर्थिक अपराध अनुसंधान शाखा को दी गई। काफी समय से मामला ठंडे बस्ते में पड़ा हुआ था। तहसीलदार अभिमन्यु कुमार की तहरीर पर अधिक भुगतान को लेकर अधिकारियों सहित दो विक्रेताओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। ऐसे में इस मामले में तेजी पकड़ ली है। एसडीएम ने तीन दिन में जांच रिपोर्ट मांगी है। रिपोर्ट 11 लेखपालों की मदद से तैयार कराई जा रही है। इसमें करीब 77 लोग प्रभावित हो रहे हैं। इस जांच के चर्चा में आने के बाद गांव बरगवां, बहादुरपुर मझिगवां, भीकमपुर सानी, हुसेपुर, मुंडाला, मुसाफिरपुर, नगला खेमकरन, नरमऊ, सिकंदरपुर, तालग्राम देहात व सौरिख के कई लोग बुधवार को तहसील छिबरामऊ पहुंचे। वहां राजस्व कर्मियों से जांच को लेकर जानकारी की। हालांकि, ये लोग नाम बताने से बचते रहे। बाबू ने गोपनीय जांच होने की बात कहकर उच्चाधिकारियों से मिलने को कहा। ऐसे में कई घंटे भटकने के बाद लोग वापस लौट गए। एसडीएम देवेश कुमार गुप्त ने बताया कि आर्थिक अपराध अनुसंधान शाखा की ओर से जांच की जा रही है। इसकी रिपोर्ट जल्द ही संस्था को भेज दी जाएगी।