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जांच के नाम पर मरीजों से लूट-खसोट

जागरण संवाददाता, कन्नौज : सरकार ने जिले में स्वास्थ्य योजनाओं को पिटारा क्या खोला कि निजि स्

By JagranEdited By: Published: Wed, 11 Jul 2018 05:09 PM (IST)Updated: Wed, 11 Jul 2018 05:09 PM (IST)
जांच के नाम पर मरीजों से लूट-खसोट
जांच के नाम पर मरीजों से लूट-खसोट

जागरण संवाददाता, कन्नौज :

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सरकार ने जिले में स्वास्थ्य योजनाओं को पिटारा क्या खोला कि निजि स्वास्थ्य सेवाएं देने वालों की चांदी हो गई। पैथोलाजी हों या प्राइवेट अस्पताल हर जगह आने वाले मरीजों के साथ लूट-खसोट का खेल चल रहा है।

खासकर पैथोलाजियों में जांच के नाम पर जमकर मरीजों को लूटने का खेल चल रहा है। ज्यादातर पैथालॉजी झोलाछाप चला रहे हैं, लेकिन स्वास्थ्य महकमे की आंखे बंद है। कभी-कभी दिखावे के लिए छापेमारी जरूर होती है। जो खानापूरी में ही निपट जाती है।

स्वास्थ्य विभाग में रजिस्टर्ड 34 पैथालॉजी सेंटर हैं। यहां अल्ट्रासाउंड, खून की जांच की जाती है। स्वास्थ्य विभाग मानक अनुसार हर पैथालॉजी में एक पैथालॉजिस्ट जरूर होना चाहिए। इसके अलावा जरूरत के मुताबिक प्रशिक्षित लोगों से काम करवाना चाहिए। मेडिकल कचरे के निस्तारण का भी कोई सहीं जगह पर हो। मरीजों से लूट पर लगाम लगाने के लिए हर जांच के रेट एक बोर्ड पर दर्ज होना चाहिए, लेकिन जिले के ज्यादातर पैथोलॉजी सेंटर कुछ मानकों पर ही अमल कर रहे है। न इन सेंटरों पर हर वक्त पैथालोजिस्ट मौजूद रहते हैं। न यह मेडिकल कचरे का सही तरीके से निस्तारण करते हैं। डाक्टर को मोटा कमीशन देने के फेर में यह सेंटर जांच करवाने के लिए आये मरीज की जेब पर जमकर डाका डालते हैं। इन सेंटरों पर संबंधित जांच की कोई रेट लिस्ट भी नहीं लगी है। तीन सदस्यीय टीम गठित

स्वास्थ्य विभाग ने पैथालॉजी की मीनिट¨रग के लिए तीन सदस्यीय टीम बनाई है। जो तय समय पर इन सेंटर की जांच करती है। खास बात यह है कि जांच टीम को कभी किसी सेंटर की कमियां नजर नहीं आती है। साथ ही टीम निकलने से पहले अपने चेहतों को फोन पर सूचना दे दी है। केवल पैथालॉजिस्ट की उपस्थिति देखकर वापस आ जाती है। सूत्रों की मानें तो सब काम से¨टग से चल रहा है। न कोई किसी से कुछ पूछने वाला है न कोई बताने वाला। जांच टीम अपनी मर्जी के मुताबिक काम करती है। अफसर बोले

समय-समय पर छापेमारी कर पैथालाजी सेंटरों की जांच की जाती है। जिन पर गड़बड़ी मिलती है, उन पर कार्रवाई भी होती है। फिर से विशेष टीम बनाकर जिले की सभी पैथालाजी सेंटरों की जांच कराई जाएगी। कमी मिलने पर उनका लाइसेंस निरस्त किया जाएगा।

-डा.कृष्ण स्वरूप, मुख्य चिकित्साधिकारी।


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