Move to Jagran APP

हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट ने वाहन स्वामियों को डाला मुश्किल में

जागरण संवाददाता कन्नौज एक दिसंबर से सभी वाहनों में लागू हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन नंब

By JagranEdited By: Published: Wed, 02 Dec 2020 04:53 PM (IST)Updated: Wed, 02 Dec 2020 04:53 PM (IST)
हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट ने वाहन स्वामियों को डाला मुश्किल में
हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट ने वाहन स्वामियों को डाला मुश्किल में

जागरण संवाददाता, कन्नौज : एक दिसंबर से सभी वाहनों में लागू हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन नंबर प्लेट ने स्वामियों को मुश्किल में डाल दिया है। यह सिस्टम अव्यवस्था के कारण जिले में शुरू नहीं हो पाई है। शासनादेश अक्टूबर में आया था, जिसमें वाहन स्वामियों को दी गई छूट खत्म हो गई है। ऐसे में सभी निजी व कामर्शियल वाहनों में जल्द नई नंबर प्लेट लगाना होगा। लेकिन जिले में यह शासनादेश वाहन स्वामियों को अधर में डाले हुए है। नंबर प्लेट कहां और कैसे मिलेगी यह व्यवस्था नहीं हो पाई है। कोई थाना तो कोई एआरटीओ कार्यालय दौड़ लगा रहे हैं। जबकि नंबर प्लेट वाहन एजेंसी के डीलर के माध्यम से मिलना है, जो अब तक अधिकृत नहीं हो पाया है। यह काम जिले में सिर्फ एक वाहन डीलर को ही दिया जाना है। इसकी प्रक्रिया भी शुरू नहीं हुई है। ऐसे में मारामारी के हालात आगे बनना तय है। फिलहाल राहत की बात यह है कि अभी कोई कार्रवाई के निर्देश नहीं मिले हैं सिर्फ नई व्यवस्था का पालन होना है। 7500 किग्रा से अधिक माल वाहन को फरवरी तक छूट:

loksabha election banner

एक अप्रैल 2019 से पहले के पंजीकृत 7500 किग्रा से अधिक वजन के वाहनों को फरवरी तक छूट है। कारण यह बड़े वाहन गैर प्रांतों में आते-जाते हैं। कुछ जिले से लेकर बाहर चलते हैं। इसलिए मौका दिया गया है। तय नहीं हुए दाम, मची लूट:

एक अप्रैल 2019 से वाहन डीलर खुद पंजीयन के दौरान हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट कानपुर से लाकर दे रहे हैं। ऐसी स्थिति में बड़े-छोटे निजी व कामर्शियल वाहन स्वामियों से नंबर प्लेट के एक हजार से 2000 रुपये तक वसूल रहे हैं। कहा जा रहा है कि शुल्क निर्धारित नहीं है न ही शासनादेश में जिक्र है। परिवहन अधिकारी भी स्पष्ट नहीं है। इसलिए असमंजस की स्थिति बनी हुई है। इस तरफ परिवहन विभाग को ध्यान देना होगा,नहीं तो आगे और वसूली होगी। आनलाइन सुविधा, लेकिन बुकिग में खामी

नई नंबर प्लेट आनलाइन बुक भी कराई जा सकती है। इसके लिए खुद बुकिग कर आरसी से पूरा विवरण भरना होगा और आनलाइन शुल्क जमा होगा। आनलाइन दाम भी निर्धारित नहीं बताए जा रहे हैं और यह व्यवस्था तकनीकी खामी में फंसी है। जिले से किए गए करीब 150 आवेदन लंबित हैं। एक भी बुकिग नहीं हुई है, जबकि आगे आनलाइन बुकिग से होम डिलीवरी करने की तैयारी है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.