मिडडे मील में गड़बड़ी पर प्रधानाध्यापक निलंबित, जांच शुरू
-कंपोजिट विद्यालय विशुनगढ़ में अनियमितता मिलने का आरोप -जिला समन्वयक (मिडडे मील) की जांच रि
-कंपोजिट विद्यालय विशुनगढ़ में अनियमितता मिलने का आरोप
-जिला समन्वयक (मिडडे मील) की जांच रिपोर्ट पर हुई कार्रवाई
जागरण संवाददाता, कन्नौज : मध्याह्न भोजन योजना (मिडडे मील) में गड़बड़ी मिलने पर बीएसए ने कंपोजिट विद्यालय इंचार्ज प्रधानाध्यापक को निलंबित कर दिया। उनके ऊपर खाद्य सुरक्षा भत्ता में अनियमितता का आरोप लगाया गया है। जिला समन्वयक (मिडडे मील) की रिपोर्ट पर निलंबन की कार्रवाई की गई है, जबकि मामले की जांच खंड शिक्षा अधिकारी सौरिख को दी गई है।
जिला समन्वयक (मिडडेमील) आदिल नियाज ने बताया कि 11 सितंबर को छिबरामऊ ब्लाक के कंपोजिट विद्यालय विशुनगढ़ का औचक निरीक्षण किया गया था तो वहां शिक्षकों ने बताया कि मिडडे मील बनता है और खाद्य सुरक्षा भत्ते का वितरण किया गया है। विद्यालय में 17 बोरी खाद्यान्न पाया गया, जिसके बारे में कोई सही जानकारी नहीं दी गई, जिससे प्रतीत होता है कि बच्चों को 76, 49 एवं 124 दिवसों के लिए संपूर्ण खाद्यान्न एवं परिवर्तन लागत की धनराशि विद्यालय में नामांकित सभी बच्चों को उपलब्ध नहीं कराई गई। प्रधानाध्यापक ने बेचने के उद्देश्य से खाद्यान्न को एकत्र किया है। वहीं, बीएसए ने बताया कि उन्होंने भी विद्यालय का निरीक्षण किया था, जिसमें शैक्षिक स्तर बेहद खराब था। बीएसए ने मिडडे मील में दुरुपयोग के आरोप में इंचार्ज प्रधानाध्यापक ओमकार सिंह यादव को निलंबित कर उन्हें कंपोजिट विद्यालय बिर्रा से संबद्ध कर दिया। मामले की जांच खंड शिक्षा अधिकारी सौरिख राजेश कुमार को दी गई है।
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प्रधानाध्यापक निलंबन पर उठे सवाल
कंपोजिट विद्यालय विशुनगढ़ के इंचार्ज प्रधानाध्यापक ओमकार सिंह यादव के निलंबन पर कई सवाल भी खड़े हो रहे हैं। जब निरीक्षण 11 सितंबर को किया गया तो इतने दिन बाद अचानक गुपचुप तरीके से निलंबन क्यों किया गया! यूनाइटेड टीचर्स एसोसिएशन (यूटा) ने आरोप लगाया कि बेसिक शिक्षा विभाग में वसूली का खेल चल रहा है, जो शिक्षक रुपये नहीं देता है, उसे निलंबित कर परेशान किया जाता है। प्रधानाध्यापक को गलत तरीके से निलंबित किया गया है, जिसकी शिकायत उच्चाधिकारियों से की जाएगी।
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जिला समन्वयक (मिडडे मील) की जांच रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की गई है। अब इसकी जांच बीईओ सौरिख को दी गई है। प्रधानाध्यापक साक्ष्य सहित अपना स्पष्टीकरण दें, बहाल कर दिया जाएगा।
-केके ओझा, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी