तीन साल से जांच कमेटी नहीं ढूंढ पाई अपात्र, भटक रहे पात्र
छिबरामऊ में 200 से अधिक लोग हो रहे परेशान संवाद सहयोगी छिबरामऊ प्रधानमंत्री आवास योज
छिबरामऊ में 200 से अधिक लोग हो रहे परेशान
संवाद सहयोगी, छिबरामऊ: प्रधानमंत्री आवास योजना से पक्का घर मिलने का सपना छिबरामऊ नगर के गरीब परिवारों के लिए सपना बनकर ही रह गया है। दो से तीन वर्ष होने को हैं, लेकिन अब तक निर्माण के लिए किस्तें नहीं मिल पाई हैं। अपात्रों को आवास दिए जाने की शिकायत पर जांच टीम को लगाया गया था, जो अब तक न तो अपात्रों को खोज सकी है न ही पात्रों के खातों में किस्त के रुपये आ रहे हैं। अधिकारी केवल आश्वासन दे रहे हैं।
छिबरामऊ नगर में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत गरीब परिवारों को चिन्हित करने के लिए सर्वे कराया गया। पात्रता के आधार पर सूची तैयार की गई। इसके बाद डूडा कार्यालय से चयनित लोगों की जांच नगरपालिका के कर्मियों से कराई है। जांच पूरी हुई तो करीब 400 लोगों के खातों में पहली किस्त पहुंची। इस बीच अपात्रों को आवास मिलने की शिकायत जिलाधिकारी से कर दी गई। तत्काल जिलाधिकारी ने कमेटी गठित कर जांच शुरू करवा दी। ऐसे में तीन वर्ष हो चुके है, अब तक जांच ही चल रही हैं। एक किस्त आने वालों के बाद पात्र दो वर्ष से इंतजार कर रहे हैं। वहीं एक भी किस्त न मिलने वालों को तीन वर्ष से इंतजार करना पड़ रहा है। ऐसे में कभी तहसील तो कभी कन्नौज तक लोग दौड़ लगा रहे हैं। सर्दी का मौसम आ गया है। कई लोग छप्पर व पन्नी तानकर रह रहे हैं, तो कई ने पहली किस्त मिलने पर चहारदीवारी खड़ी कर ली है, लेकिन लिटर नहीं पड़ पा रहा है। ऐसे 200 से अधिक लोग नगर में परेशान हैं।
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ज्ञापन से लेकर आंदोलन तक कर चुके सभासद
सभासद सुशील पांडेय एवं रानू कुरैशी ने पात्रों को आवास का लाभ दिलाने के लिए लगातार संघर्ष किया है। अधिकारियों को ज्ञापन सौंपा। संपूर्ण समाधान दिवस में शिकायतें की। नगर पालिका परिषद में धरना प्रदर्शन के बाद आमरण अनशन की चेतावनी दी गई। इसके बाद भी अब तक कोई निर्णय नहीं हो सका है। अभी भी सभासद नए सिरे से धरना प्रदर्शन की बात कह रहे हैं।
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दो वर्ष से आवास के लिए परेशान है। पहली किस्त मिल चुकी है। डीपीआर 731 में चयन हुआ था। दूसरी किस्त न मिलने से लिटर नहीं पड़ पा रहा है। कई बार शिकायत कर चुके हैं।
- सुषमा बाथम जर्जर मकान में रहती हैं। डीपीआर 731 में आवास के लिए चयन हुआ था। इसके बाद अब तक पहली किस्त नहीं मिल पाई है। आर्थिक स्थिति अच्छी न होने से मकान का निर्माण नहीं हो पा रहा है। जर्जर मकान के गिरने का डर रहता है।
- प्रेमलता प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत डीपीआर 731 में आवास के लिए चयन हुआ। पक्के मकान में रहने की उम्मीद जागी। एक किस्त मिली थी। इससे निर्माण कराया गया। दूसरी किस्त न मिलने से कार्य अधूरा पड़ा है।
- हसीमा
परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत चयन होने पर पक्के मकान के निर्माण की उम्मीद जागी थी। दो वर्ष से अधिक का समय हो चुका है। पहली किस्त का ही इंतजार है।
- सुशीला
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जनप्रतिनिधि बोले
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत चयनित पात्र करीब तीन वर्ष से भटक रहे हैं। जांच के नाम पर देरी हो रही है। उनकी समस्याओं पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। स्थानीय प्रशासन से लेकर शासन तक इस समस्या को उठाया जा चुका है। संपूर्ण समाधान दिवस में ज्ञापन दिए जाने के बाद डूडा के अधिकारियों ने जल्द ही किस्त भेजने का आश्वासन दिया है।
- सुशील पांडेय, सभासद
.--------------------- अपात्रों की जांच लेखपाल से करवा कर रिपोर्ट तहसील स्तर से भेजी जा चुकी हैं। डूडा के अधिकारियों से वार्ता भी हो चुकी है। जल्द ही पात्रों के खातों में पहली व दूसरी किस्त आवास निर्माण के लिए उपलब्ध हो जाएगी।
- दिनेश कुमार गुप्ता, एसडीएम छिबरामऊ