पहले आवास अब जांच आख्या में फर्जीवाड़ा!
- आवास निरस्त करने के बाद शिकायती पत्र बदलने का आरोप - पीओ डूडा के कार्यालय का पत्र व ह
- आवास निरस्त करने के बाद शिकायती पत्र बदलने का आरोप
- पीओ डूडा के कार्यालय का पत्र व हस्ताक्षर, करेंगे जांच
जागरण संवाददाता, कन्नौज : छिबरामऊ में प्रधानमंत्री शहरी आवास फर्जीवाड़े मामले में आवास निरस्त करने के बाद जांच आख्या गोलमोल कर दी गई है। पीड़ित ने जो शिकायत पत्र दिया था उसकी जगह दूसरे प्रार्थना पत्र का हवाला देकर मामले का निस्तारण दिखाया गया है। पीड़ित ने यह आरोप लगा जिलाधिकारी से शिकायत की है।
छिबरामऊ के त्रिपाठी नगर निवासी गोपाल दुबे ने करीब तीन साल पहले प्रधानमंत्री शहरी आवास आवंटन में फर्जीवाड़े की शिकायत की थी। इस मामले को लेकर ईओ व सभासद समेत कई लोगों से विवाद हुआ था, जिसमें सभी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी। दूसरे पक्ष से गोपाल पर भी रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। जांच में ईओ का नाम हटा दिया गया था। हालांकि शासन व प्रशासन स्तर तक पहुंचने पर भी आवास फर्जीवाड़े मामले का समाधान नहीं हो पाया है। गोपाल ने बताया कि आवासों की जांच में पारदर्शिता नहीं बरती गई थी, सिर्फ एक आवास अपात्र दिखाकर निरस्त किया था। बाद में उन्होंने दोबारा लिखित शिकायत कर जांच की मांग की थी, जिसमें चार आवास और निरस्त किए गए। उसमें सभासद की पत्नी के नाम आवास दिया गया था। इस जांच की आख्या परियोजना अधिकारी डूडा की तरफ से लगाई, लेकिन प्रार्थना पत्र व संदर्भ बदल दिया गया, जो शिकायत पत्र दर्शाया गया वह तिर्वा के मोहल्ला बौद्धनगर निवासी आरती पत्नी बिक्की के आवास आवंटन संबंधित है, जिसमें एडीएम के हस्ताक्षर भी हैं। एडीएम गजेंद्र कुमार ने बताया कि मामले को दिखवाया जाएगा। वहीं, जिला नगरीय विकास अभिकरण के परियोजना अधिकारी गिरीशचंद्र ने बताया कि जानकारी नहीं है। कई शिकायत आती हैं। भूलवश पत्र बदल गया होगा। इसकी जांच कर मामले का निस्तारण करेंगे।