पानी से खेत लबालब, सड़ने के कगार पर आलू बीज
संवाद सूत्र सौरिख दो दिन की बारिश से ग्रामीण क्षेत्रों में खेत पानी से भर गए हैं। कच्ची फसल मे
संवाद सूत्र, सौरिख: दो दिन की बारिश से ग्रामीण क्षेत्रों में खेत पानी से भर गए हैं। कच्ची फसल में फायदा पाने के लिए किसानों ने आलू को जल्द ही खेतों में पहुंचा दिया। अब वह सड़ने के कगार पर है। इससे फायदे के स्थान पर लागत में ही नुकसान होने की चिता किसानों को सता रही है।
इस बार किसानों को कोल्ड स्टोरेज में रखे आलू से कोई भी फायदा नहीं हुआ। सफेद आलू बमुश्किल 200 से 250 रुपये की बचत पर एक पैकेट बेचा गया। ऐसे में किसानों ने कच्ची फसल से फायदे की उम्मीद जगाई। सितंबर माह के प्रारंभ में ही खेतों को तैयार कर लिया। आलू का बीज खेतों में रख दिया गया। इधर मौसम बिगड़ा और बारिश शुरू हो गई। खेतों में पानी भर गया। इससे नादेमऊ, मधुपुरी, मढ़नेपुर, त्रिज्जापुरवा, शेरपुर, मलिकपुर, दारापुर, करसा रामपुर व बिरईपुरवा सहित कई गांव के किसान प्रभावित हो गए। करीब 400 बीघा आलू फसल किसानों ने की। वह पूरी बारिश की चपेट में आ गई।
.. कोल्ड स्टोरेज में रखे आलू से फायदा नहीं मिला। ऐसे में पहले कच्चे सीजन की फसल तैयार करने के लिए छह बीघा में बीज लगाया था। बारिश से पूरी फसल प्रभावित हो गई। अब फायदे की कोई उम्मीद नहीं है।
- किसान रामसिंह नादेमऊ आठ बीघा में आलू की कच्ची फसल तैयार करने को लेकर संसाधन जुटाए थे। खाद व बीज खरीद कर खेतों में पहुंचाया। बारिश ने सब कुछ बर्बाद कर दिया। पानी भरने से बीज खेत में ही सड़ जाएगा।
- किसान जगपाल सिंह, नादेमऊ आलू की फसल कच्ची सीजन पर पहले तैयार करने का प्रयास किया था। छह बीघा में आलू लगाया था। दो दिन की बारिश से खेत पानी से भर गए। अभी भी पानी भरा हुआ है। खेत में बीज अब खराब हो जाएगा।
- किसान अशोक कुमार, मधुपुरी कोल्ड स्टोरेज में रखा आलू इस बार फायदा नहीं दे सका। आलू की कच्ची फसल से फायदा लेने के लिए तैयारी की थी। 12 बीघा में आलू लगाया था। बारिश से पूरी फसल प्रभावित हो गई। अब फायदे की बात तो दूर खाद व बीज के रुपये भी जेब से जाएंगे।
- किसान मनोज कुमार, करसा रामपुर --------------------
किसानों ने खेतों में आलू की गड़ाई शुरू कर दी थी। लगातार बारिश होने से खेतों में पानी भर गया है। इससे फसल के प्रभावित होने की आशंका जताई जा रही है। बारिश रुकने के बाद खाली पड़े खेतों को तैयार कर नए सिरे से आलू की फसल की जा सकती है।
- मनोज कुमार चतुर्वेदी, जिला उद्यान अधिकारी कन्नौज