'परी' को लखनऊ भेजने पर पिता को एतराज
जिला अस्पताल के एसएनसीयू वार्ड के प्रभारी डॉ. सुरेश यादव ने बताया कि 11 सितंबर कोपरीको जन्म देने के बाद मां आरती की मौत हो गई थी। वजन कम होने के कारण उसे एसएनसीयू में भर्ती कराया गया
जागरण संवाददाता, कन्नौज : संक्रमण से बचाने के लिए 'परी' को बाल एवं शिशु गृह भेज दिया गया है। अब उसके पिता को इस पर एतराज है। एसएनसीयू के कंप्यूटर ऑपरेटर के मोबाइल पर फोन कर नर्सिंग ऑफीसर से बात की और कहा कि जब तक डीएनए रिपोर्ट नहीं आ जाती है, तब तक उसे वहां क्यों भेजा गया है?
जनपद औरैया के कस्बा बेला निवासी आकाश ने रविवार को जिला अस्पताल के एसएनसीयू (सिक न्यू बोर्न केयर यूनिट) की डाटा एंट्री ऑपरेटर पूर्वी के मोबाइल पर काल की। इसके बाद नर्सिंग ऑफीसर वीरेंद्र कुमार पाल से बात की। उसने बताया कि उनकी बेटी एसएनसीयू में भर्ती है और मिलान के लिए उसका डीएनए सैंपल फॉरेंसिक लैब लखनऊ भेजा गया है। जब तक रिपोर्ट नहीं आ जाती है, तब तक 'परी'को अस्पताल में ही रखना चाहिए था। इस पर उन्होंने जवाब दिया कि वार्ड में नवजात बच्चे भर्ती होते हैं, जिनसे सेप्सिस का संक्रमण होने का खतरा रहता है। सुरक्षा की दृष्टि से उसे बाल कल्याण समिति के माध्यम से शिशु गृह लखनऊ भेजा गया है, जहां उसका पालन-पोषण हो रहा है। डीएनए रिपोर्ट मिलने के बाद उसे वापस बुला लिया जाएगा।
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एक बार भी अस्पताल नहीं आया पिता
जिला अस्पताल के एसएनसीयू वार्ड के प्रभारी डॉ. सुरेश यादव ने बताया कि 11 सितंबर को 'परी' को जन्म देने के बाद मां आरती की मौत हो गई थी। वजन कम होने के कारण उसे एसएनसीयू में भर्ती कराया गया था। 56 दिन बाद छह नवंबर को उसे लखनऊ भेजा गया। इस अवधि में उसका पिता आकाश एक बार भी बेटी को देखने नहीं आया।
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कोट-
एसएनसीयू में किसी बच्चे को भर्ती करने की एक निश्चित अवधि होती है। पिता जब लेने नहीं आया तो उसे शिशु गृह भेजा गया। डीएनए रिपोर्ट के लिए रिमाइंडर भेजा गया है।
राकेश कुमार मिश्र, जिलाधिकारी