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वेटिंग में डीएल, बढ़ी वाहन चालकों की मुश्किल

यातायात के नियम कड़े हुए तो लोग जागरूक हो गए। अक्सर उल्लंघन करने वाले अब वाहनों के प्रपत्र तैयार करने में जुटे हैं। ऐसे में ड्राइविग लाइसेंस बनवाना मुश्किल यातायात के नियम कड़े हुए तो लोग जागरूक हो गए। अक्सर उल्लंघन करने वाले अब वाहनों के प्रपत्र तैयार करने में जुटे हैं। ऐसे में ड्राइविग लाइसेंस बनवाना मुश्किल यातायात के नियम कड़े हुए तो लोग जागरूक हो गए। अक्सर उल्लंघन करने वाले अब वाहनों के प्रपत्र तैयार करने में जुटे हैं। ऐसे में ड्राइविग लाइसेंस बनवाना मुश्किल

By JagranEdited By: Published: Sun, 15 Sep 2019 07:42 PM (IST)Updated: Mon, 16 Sep 2019 06:45 AM (IST)
वेटिंग में डीएल, बढ़ी वाहन चालकों की मुश्किल
वेटिंग में डीएल, बढ़ी वाहन चालकों की मुश्किल

जागरण संवाददाता, कन्नौज : यातायात के नियम सख्त हुए तो लोग जागरूक हो गए। लोग अब वाहन कागजात दुरुस्त करने में जुटे हैं। ऐसे में बिन ड्राइविग लाइसेंस (डीएल) बनवाए गाड़ी दौड़ा रहे लोगों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। दरअसल ऑनलाइन आवेदन के बाद सारथी सॉफ्टवेयर पर लर्निंग, परमानेंट, हैवी व डुप्लीकेट लाइसेंस की तारीख नहीं मिल रही है। एक सप्ताह में विभाग का निर्धारित प्रतिदिन 85 लाइसेंस जारी करने का कोटा दो महीने तक के लिए बुक हो चुका है। साफ्टवेयर के तारीख निर्धारित करने की क्षमता 60 दिन तक है। इस कारण रोजाना किए जा रहे सैकड़ों आवेदन वेटिग में जा रहे हैं। अब तक करीब 4 हजार आवेदन वेटिग में हैं। इनमें देर से आवेदन करने वालों का तीन से चार महीने में नंबर आना मुश्किल है।

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60 फीसद युवा आवेदक

सारथी साफ्टवेयर पर रोजाना 100 से 150 आवेदन किए जा रहे हैं। इनमें सबसे ज्यादा 18 वर्ष की उम्र पूरी कर चुके 60 फीसद युवक-युवतियां शामिल हैं, जबकि इससे पहले करीब 50 आवेदन किए जाते थे। प्रशिक्षण, फोटो और अभिलेखों की पड़ताल के बाद 30 से 35 लाइसेंस जारी होते थे। अब भी लाइसेंस उतने ही जारी हो रहे हैं। प्रदूषण जांच केंद्र बंद, नहीं विकल्प

जिले में तीन वाहन प्रदूषण जांच केंद्र पंजीकृत हैं। इनमें दो बंद हैं, जबकि एक पुराने एआरटीओ कार्यालय के पास संचालित था। वहां वाहनों की कतार से टोकन देकर प्रदूषण प्रमाण पत्र बनने लगे। वसूली की शिकायत पर एआरटीओ ने कार्रवाई की तो केंद्र बंद हो गया। इससे फिटनेस, पुराने वाहन, ट्रांसफर समेत हर काम के लिए दिक्कत है। ऑनलाइन आवेदन के 100 रुपये

लाइसेंस समेत किसी भी तरह के वाहन संबंधी ऑनलाइन आवेदन के नाम पर शोषण हो रहा है। एआरटीओ कार्यालय के बाहर खुली दुकानों पर आवेदन करने के 100 रुपये निर्धारित हैं, जबकि डीएम ने निरीक्षण के दौरान निर्धारित शुल्क लेने की हिदायत देकर दीवार पर फीस चस्पा करने के निर्देश दिए थे। करीब 4 हजार लाइसेंस वेटिग में हैं। दो से तीन दिन में कोटा बढ़ जाएगा। फिर भी देर से आवेदन करने वालों को तीन से चार महीने में तारीख मिलना मुश्किल है। कार्यालय के पास प्रदूषण जांच केंद्र खुलेगा।

संजय कुमार झा, उप संभागीय परिवहन अधिकारी


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