जलभराव से जीना दुश्वार, समेटने लगे गृहस्थी
- दो दिन से हो रही बारिश से पानी-पानी लोगों को खतरा - बच्चों के लिए खतरा मवेशियों को बा
- दो दिन से हो रही बारिश से पानी-पानी, लोगों को खतरा
- बच्चों के लिए खतरा, मवेशियों को बांधने के लिए नहीं जगह
संवाद सहयोगी, छिबरामऊ: दो दिन की बारिश से ग्रामीण इलाकों का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। जगह-जगह जलभराव की स्थिति से सभी काम ठप हैं। साथ ही कच्चे मकान गिरने का डर है। फसल भी बर्बाद हो चुकी है। इन हालातों में ग्रामीण सुरक्षित स्थान पर जाने के लिए गृहस्थी का सामान समेटने लगे हैं।
छिबरामऊ में दो दिन से बारिश हो रही है। रविवार को हालात और बिगड़ गए। प्रेमपुर, मटेहना, डालूपुर सुल्तानपुर, टडा, रकरा, नगला दुर्गा, मिघौली, माधौनगर, विशुनगढ़, मेरापुर गढि़या वा अरुहो समेत अधिकांश गांवों पानी से लबालब हो गए। गलियों में पानी भरने से लोगों को घुसकर निकलना पड़ रहा है। मवेशियों के बांधने के लिए सूखी जगह नहीं बची है। कीचड़ में ही मवेशी बंधे हैं। नगला दुर्गा में जलभराव होने से बालकराम की गृहस्थी भीग गई। गृहस्थी में से कुछ बर्तन आदि बाहर निकाल पाए। उनकी एक मानसिक रूप से बीमार बेटी भी है। उसको लेकर वह बेहद परेशान दिखे। इसी तरह अन्य गांवों में भी लोग जलभराव के बीच निकल रहे हैं।
पांच घंटे की बारिश में डूब गई सड़कें
तालग्राम: क्षेत्र में रविवार सुबह पांच बजे से बारिश शुरू हुई। तेज बारिश से जलभराव हो गया। सुबह 10 बजे तक लगातार पानी बरसता रहा। पांच घंटे की बारिश में सड़कें पानी से भर गई। कस्बे में बाढ़ जैसे हालात नजर आए। पैदल निकलना मुश्किल हो रहा था। बाइक व साइकिल सवारों को दिक्कत हुई। खेतों भी पानी भर गया। मक्का, आलू, मूंगफली व सब्जियां प्रभावित हो गईं।