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समिति पर डीएपी का स्टाक शून्य, भटक रहे किसान

- आलू की फसल के लिए किसानों को खाद की जरूरत - स्टाक न होने पर मायूस होकर लौट रहे ि

By JagranEdited By: Published: Fri, 17 Sep 2021 08:37 PM (IST)Updated: Fri, 17 Sep 2021 08:37 PM (IST)
समिति पर डीएपी का स्टाक शून्य, भटक रहे किसान
समिति पर डीएपी का स्टाक शून्य, भटक रहे किसान

- आलू की फसल के लिए किसानों को खाद की जरूरत

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- स्टाक न होने पर मायूस होकर लौट रहे किसान

संवाद सूत्र, प्रेमपुर: खाद की किल्लत किसानों के लिए परेशानी का सबब बन रही है। आलू की फसल में किसान को खाद की अधिक आवश्यकता होती है। समिति से कम कीमत पर खाद मिल जाती है। इन दिनों डीएपी का स्टाक शून्य होने से किसान भटक रहे हैं।

प्रेमपुर में किसान सेवा सहकारी समिति संचालित हो रही है। यहां पर 24 अगस्त को 1029 बोरी एनपीके व 25 अगस्त को 930 बोरी डीएपी एवं 500 बोरी यूरिया आई थी। 23 अगस्त के बाद डीएपी की सप्लाई नहीं हुई। इस बीच समित से किसान रविद्र कुमार, विजय सिंह, श्याम सिंह, रामसागर, कन्हैया लाल सहित करीब 150 लोगों को यह वितरित कर दी गई। अब समित पर डीएपी के लिए किसान चक्कर लगा रहे हैं। खाद उपलब्ध नहीं हो पा रही है। इस बारे में समिति की सचिव स्नेहलता से बात करने का प्रयास किया गया। मोबाइल फोन पर उन्होंने आवाज न आने की बात कहकर काल काट दी।

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2000 किसानों के लिए एक करोड़ की खाद की जरूरत

समिति में करीब 2000 किसान खाताधारक हैं। ऐसे में इन सभी की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए कम से कम एक करोड़ की खाद समिति के लिए आवश्यक है। इसके बाद ही सभी किसानों को लाभ मिल सकता है। समय पर खाद न होने की वजह से किसान को मजबूरी में बाजार की ओर रुख करना पड़ रहा है। ऐसे में उन्हें अधिक कीमत पर खाद खरीदनी पड़ रही है।

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किसान बोले करीब एक महीने से सहकारी समिति प्रेमपुर में खाद नहीं है। कई बार समिति पर जाकर जानकारी की। हर बार बताया गया कि अभी स्टाक नहीं आया। बाजार में खाद महंगी होने की वजह से अभी तक आलू की फसल खेत में नहीं रखवा पाए हैं।

- अनिल कुमार, किसान खेत में आलू का बीज रखने के लिए कोल्ड से पैकेट निकाल लाए थे। खाद के लिए गए तो उपलब्ध नहीं थी। खाद की व्यवस्था न होने से अभी तक खेत में आलू नहीं रख पाया है। इससे आने वाले समय में फसल तैयार होने पर उचित मूल्य नहीं मिल पाएगा।

- उदयवीर सिंह, किसान

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जिम्मेदार बोले तीन चेक खाद के लिए दी जा चुकी हैं। 15 सितंबर को 472 बोरी एनपीके आई थी। इसमें 29 बोरी भीगी हुई थी। उन्हें वापस कर दिया गया। 443 बोरी मौजूद है। खराब मौसम की वजह से अभी किसानों को वितरित नहीं हो पाई। पोटाश की 1350 बोरी एवं यूरिया की 309 बोरी स्टाक में हैं। डीएपी शून्य है।

- पेशकार सिंह, कर्मी सहकारी समिति प्रेमपुर


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