जल संरक्षण में मददगार बनेंगे कन्नौज के परिषदीय विद्यालय
वर्षा संरक्षण में मददगार विद्यालयवर्षा संरक्षण में मददगार बनेंगे परिषदीय विद्यालय
प्रशांत सक्सेना, कन्नौज : अब परिषदीय विद्यालय जल संरक्षण कर सरकारी विभागों को आइना दिखाएंगे। सभी प्राथमिक व माध्यमिक विद्यालयों में कलेक्ट्रेट व विकास भवन की तर्ज पर बारिश का पानी संजोने के लिए रेन वाटर हार्वेस्टिग सिस्टम लगाए जाएंगे। यह कवायद नए साल में शुरू होगी, जिसे जिलेस्तर पर डीएम व सीडीओ की बैठक में हरी झंडी मिल गई है। अब बेसिक शिक्षा विभाग निर्माण की कार्ययोजना तैयार करेगा। बारिश से पहले जिले के सभी 1,653 विद्यालयों में रेन वाटर हार्वेस्टिग सिस्टम लगाने का लक्ष्य रखा गया है। रेन वाटर हार्वेस्टिग सिस्टम में छत पर पाइप व नीचे ट्रैंक बनता है। छत पर एकत्र बारिश का पानी पाइप के सहारे सीधे टैंक में आकर जमीन में जाता है। मनरेगा व क्षेत्र पंचायत करेगा खर्च
मुख्य विकास अधिकारी आरएन सिंह ने बताया कि परिषदीय विद्यालयों में रेन वाटर हार्वेस्टिग सिस्टम की लागत 42 से 45 हजार रुपये निर्धारित की गई है। इसके लिए मनरेगा या फिर क्षेत्र पंचायत अपने फंड से खर्च करेंगी। यदि विद्यालय के पास कंपोजिट ग्रांट है तो उस धनराशि से भी निर्माण कराया जाएगा। यह बारिश का पानी संरक्षण करने के लिए बेहतर साधन है। इससे बारिश का पानी सड़क व नालियों में बर्बाद नहीं होगा। सभी सरकारी भवनों को निर्देश
जल संरक्षण को लेकर डीएम राकेश कुमार मिश्रा व सीडीओ आरएन सिंह ने बारिश से पहले योजना बनाई है। मौजूदा समय में कलेक्ट्रेट व विकास भवन परिसर में रेन वाटर हार्वेस्टिग सिस्टम लगा है, जो परिषदीय विद्यालयों के साथ सभी सरकारी कार्यालय व भवनों में बारिश से पहले बनवाने के निर्देश दिए हैं। ये होते मुख्य फायदे
-छत पर पानी एकत्र कर पाइप से जमीन में जाना
-भूजल स्तर में संतुलन बनना
-जमीन के अंदर भूजल स्तर को ऊपर उठाना
-टैंक में पानी जमा कर लंबे समय तक इस्तेमाल
-चयनित क्षेत्र में बारिश से जलभराव न होना