रेमडेसिविर इंजेक्शन के नाम पर दारोगा से ठगे 95 हजार
-21 मई को पत्नी को मेडिकल कालेज में कराया था भर्ती -डिस्चार्ज होने पर कर्मियों ने दस हजार
-21 मई को पत्नी को मेडिकल कालेज में कराया था भर्ती
-डिस्चार्ज होने पर कर्मियों ने दस हजार अतिरिक्त मांगे, एक हिरासत में संवाद सहयोगी, तिर्वा (कन्नौज): मेडिकल कालेज में रेमडेसिविर इंजेक्शन के नाम पर दारोगा से कर्मचारियों ने 95 हजार रुपये ठग लिए। पत्नी को डिस्चार्ज कराने के दौरान दस हजार रुपये और मांगे। इस पर विवाद हो गया। दारोगा की शिकायत पर एक कर्मी को पुलिस ने पकड़ लिया है।
मैनपुरी के बेवर थाना क्षेत्र के शिव नगर कालोनी निवासी उपनिरीक्षक भगवानदास लखनऊ में कालीदास मार्ग पर पुलिस हेड क्वार्टर में तैनात हैं। बताया कि पत्नी मायाश्री 21 मई को कोरोना संक्रमित हो गईं, जिन्हें मेडिकल कालेज के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कराया था। पत्नी को रेमडेसिविर इंजेक्शन की जरूरत पड़ी तो उन्होंने एक सफाईकर्मी व वार्ड ब्वाय से बात की। दोनों कर्मचारियों ने मिलकर 15 हजार रुपये प्रति इंजेक्शन तय किए। इस पर छह डोज लगाने के 90 हजार रुपये ले लिए। सोमवार को मायाश्री ठीक होने पर डिस्चार्ज की गईं तो दोनों कर्मचारियों ने दस हजार रुपये और मांगे। फिर भी उन्होंने पांच हजार रुपये दे दिए। इससे कर्मचारी संतुष्ट नहीं हुए तो विवाद शुरू हो गया। कर्मचारियों ने दारोगा से अभद्रता कर दी। दारोगा ने मेडिकल चौकी में शिकायत की है। कोतवाली प्रभारी निरीक्षक शैलेंद्र कुमार मिश्रा ने मामले की जांच की। एक कर्मचारी को हिरासत में लिया। बताया कि पूछताछ की जा रही। कोरोना संक्रमित का इलाज पूरी तरह से निश्शुल्क है। सीएमएस डॉ. दिलीप सिंह ने बताया कि मामले की जानकारी हुई है। जांच कराई जा रही है। ऐसे कर्मचारियों को मेडिकल कालेज से बाहर किया जाएगा।