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मुंबई और गुजरात से लौटे 148 आप्रवासी कामगार

जागरण संवाददाता कन्नौज कोरोना संक्रमण के चलते देश के विभिन्न हिस्सों से प्रवासी कामगारों

By JagranEdited By: Published: Sun, 11 Apr 2021 07:08 PM (IST)Updated: Mon, 12 Apr 2021 03:11 AM (IST)
मुंबई और गुजरात से लौटे 148 आप्रवासी कामगार
मुंबई और गुजरात से लौटे 148 आप्रवासी कामगार

जागरण संवाददाता, कन्नौज : कोरोना संक्रमण के चलते देश के विभिन्न हिस्सों से प्रवासी कामगारों का आना फिर से शुरू हो गया है। रविवार को बांद्रा-लखनऊ एक्सप्रेस से जिले में 148 आप्रवासी कामगार इत्रनगरी के रेलवे स्टेशन पर उतरे। आप्रवासियों ने बताया कि महाराष्ट्र के कई शहरों में लॉकडाउन की स्थिति बन गई है, जिसके चलते वहां से लोग फिर घर लौटने लगे हैं। रविवार को सुबह 11 बजे बांद्रा-लखनऊ एक्सप्रेस ट्रेन इत्रनगरी के स्टेशन पर रुकी तो कई आप्रवासी कामगार अपने परिवार के साथ उतरे। इन आप्रवासियों के माथे पर चिता की लकीरें साफ झलक रहीं थीं। कई आप्रवासियों ने बताया कि महाराष्ट्र में कोरोना तेजी से फैल रहा है। मुंबई के घनी आबादी वाले इलाकों में प्रतिदिन सैकड़ों की तादाद में लोग पॉजिटिव निकल रहे हैं। कोरोना के कारण मौतें भी तेजी से हो रहीं हैं। ऐसी स्थिति में वहां की सरकार लॉकडाउन लगाने पर विचार कर रही है। कई शहरों में तो नाइट क‌र्फ्यू लगा दिया गया है। फैक्ट्रियां बंद हो गईं हैं। उत्तर भारत के अधिकतर लोग ट्रेनों से वापस लौट रहे हैं। ट्रेन के टीटीई गौरव कुमार ने बताया कि मुंबई से 2326 यात्री ट्रेन में सवार हुए थे। कन्नौज में 148 लोग उतर गए हैं, जबकि कानपुर के 728 लोग सवार हैं। ---------- छलका आप्रवासी कामगारों का दर्द कानपुर देहात के कस्बा झींझक निवासी रामसेवक ने बताया कि वह मुंबई में 15 साल से रहकर खुद का व्यवसाय करते हैं। वहां लॉकडाउन की स्थिति बन रही है, जिससे धंधा बंद हो गया। अब वह परिवार के साथ वापस आ गए हैं। कोरोना संकट में वह अपने कस्बे में रहकर व्यापार करेंगे। ----------- गुजरात के बापी से आए जितेंद्र कुमार निवासी भिदासिन ने बताया कि वह फल का व्यवसाय करते हैं। वहां नाइट क‌र्फ्यू के कारण सब बंद हो गया तो वह गांव चले आए। अब यहां गेहूं की कटाई करेंगे, जिससे परिवार का गुजारा हो जाएगा। ------------ तालग्राम क्षेत्र के ग्राम सतौरा निवासी वसीम मुंबई में रिक्शा चलाते हैं। उन्होंने बताया कि मुंबई में हालात बेहद खराब हैं। पुलिस ने रिक्शे बंद करा दिए, जिससे आमदनी का जरिया भी बंद हो गया। अब वह गांव में रहकर मजदूरी करेंगे। -------------- कन्नौज सदर ब्लाक के ग्राम कुसुमखोर निवासी नसीम अहमद ने बताया कि वह भी मुंबई में ऑटो चलाते हैं। कोरोना के कारण आटो पर पाबंदी लगा दी गई है। एक सवारी से ज्यादा बिठा नहीं सकते। ऐसे में वह अपने गांव चले आए। अब यहां खेतों में मजदूरी करेंगे।

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