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झांसी में पुलिस एनकाउंटर को फर्जी बता परिवारीजन ने अंतिम संस्कार करने से किया इन्कार

झांसी में शविवार रात पुष्पेंद्र यादव के पुलिस एनकाउंटर को परिवारीजन फर्जी बताते हुए शव का अंतिम संस्कार करने से इन्कार कर दिया है।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Mon, 07 Oct 2019 06:49 PM (IST)Updated: Mon, 07 Oct 2019 07:03 PM (IST)
झांसी में पुलिस एनकाउंटर को फर्जी बता परिवारीजन ने अंतिम संस्कार करने से किया इन्कार
झांसी में पुलिस एनकाउंटर को फर्जी बता परिवारीजन ने अंतिम संस्कार करने से किया इन्कार

झांसी, जेएनएन। शविवार रात पुष्पेंद्र यादव के पुलिस एनकाउंटर को परिवारीजन भर्जी बताते हुए शव का अंतिम संस्कार करने से इन्कार कर दिया है। पुष्पेंद्र के भाई ने कहा कि यह एनकाउंटर नहीं बल्कि मर्डर है। मेरे भाई को साजिश के तहत मारा गया है। यदि दोषी इंस्पेक्टर के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई तो अंतिम संस्कार नहीं करेंगे। इस पूरे मामले पर डीएम और एसएसपी पहुंचे तो परिवारीजन ने बात करने से इन्कार कर दिया और नारेबाजी शुरू हो गई। पुलिस और प्रशासन मुर्दाबाद के नारे लगना शुरू हो गए। इस बीच कई नेताओं ने भी ग्रामीणों को मनाने का प्रयास किया, लेकिन एनकाउंटर से गुस्साए ग्रामीणों ने उन्हें भगा दिया। क्षेत्र में तनाव देखते हुए भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है।

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मोंठ इंस्पेक्टर पर हमले के बाद हुआ एनकाउंटर

झांसी के थाना मोंठ के बमरौली तिराहा पर शनिवार रात मोंठ इंस्पेक्टर धर्मेंद्र सिंह चौहान पर बाइक सवार युवकों बाइक सवार विपिन, पुष्पेंद्र व रविंद्र ने हमला बोल दिया था। आरोपित कार और मोबाइल लूट कर ले गए थे। इंस्पेक्टर पर हमला और उनकी कार लूटने पर कई थानों की पुलिस आरोपियों की तलाश में जुट गई थी। देर रात आरोपित गुरसरांय क्षेत्र के गांव फरीदा के पास मिल गए। इस दौरान हुई पुलिस मुठभेड़ में आरोपित पुष्पेंद्र घायल हो गया। घायल को गुरसरांय के अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उसकी मौत हो गई। दो आरोपित विपिन व रविंद्र भाग गए थे। पुलिस ने तीनों आरोपितों के विरुद्ध केस दर्ज किया था।

चार माह पहले हुई थी पुष्पेंद्र की शादी

मृतक पुष्पेंद्र यादव के के पिता को दिखाई नहीं देता है। पुष्पेंद्र का बड़ा भाई रविंद्र सीआइएसएफ में जवान है। पुष्पेंद्र के पास दो ट्रक हैं, जिनको वह चलवाता था। चार माह पहले ही पुष्पेंद्र की शादी जालौन के पिपरी गांव में हुई थी। बताया जा रहा है कि 29 सितंबर को पुलिस ने उसका बालू से भरा ट्रक पकड़ लिया था। इसको लेकर उसकी इंस्पेक्टर से कहा-सुनी भी हुई थी। जिलाधिकारी शिवसहाय अवस्थी ने घटना के मजिस्ट्रट जांच के आदेश दिये हैं। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ. ओपी सिंह ने बताया कि मोंठ इस्पेक्टर पर हमला करने के बाद आरोपित उसकी कार लूटकर भागे थे। पुलिस जब पकड़ने गई, तो उस पर भी हमला कर दिया, जिस पर पुलिस मुठभेड़ में गोली लगने से पुष्पेंद्र यादव की मौत हो गई। परिजनों द्वारा हत्या के आरोप को उन्होंने निराधार और गलत बताया है।

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शव को लेकर उधर-उधर डोलती रही पुलिस

एनकाउंटर के बाद घायल पुष्पेंद्र को लेकर पुलिस पहले तो गुरसरांय अस्पताल ले गई। मौत की पुष्टि होने पर उसका शव सुबह करीब नौ बजे पोस्टमॉर्टम के लिए मऊरानीपुर अस्पताल ले गई। बताते हैं कि पुलिस ने पंचनामा नहीं भरा था, जिस पर शव फिर से गुरसरांय ले गई। इसके बाद शव को मऊरानीपुर ले जाया गया और फिर चिकित्सकों की टीम से पोस्टमॉर्टम कराने को लेकर झांसी भेज दिया गया। दोपहर बाद 3.20 बजे शव को लेकर पुलिस झांसी मेडिकल कॉलेज के पोस्टमॉर्टम हाउस में आई। शव के ऐक्स-रे लेकर फिर शाम करीब 5.15 बजे जिला चिकित्सालय ले गई। इसके बाद चिकित्सकों के पैनल में शामिल डॉ. प्रदीप अग्रवाल, डॉ. अरविन्द सोनी, डॉ. रवि सोनी ने वीडियोग्राफी के बीच पोस्टमॉर्टम किया। बताते हैं कि मृतक की मौत कनपटी में गोली लगने से हुई है।


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