झांसी मेडिकल कालेज में पैर का तकिया के मामले में प्रिंसिपल का तबादला
कटे पैर को डॉक्टर्स के तकिया बनाने के मामले में सरकार के गंभीर होने के बाद आज बड़ा निर्णय किया गया। इस मामले में रानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कालेज, झांसी की प्रिंसिपल पर गाज गिरी है।
झांसी (जेएनएन)। सड़क दुर्घटना में घायल युवक के कटे पैर को डॉक्टर्स के तकिया बनाने के मामले में प्रदेश सरकार के गंभीर होने के बाद आज बड़ा निर्णय किया गया। इस मामले में रानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कालेज, झांसी की प्रिंसिपल पर गाज गिरी है। आज इस प्रकरण में यहां की प्रिंसिपल साधना कौशिक को वहां से हटा दिया गया है। उनको मेरठ भेजा गया है।
झांसी मेडिकल कालेज में सड़क दुर्घटना में घायल युवक को लाया गया। इसमें डाक्टर्स की टीम ने इस युवक का एक पैर घुटने के नीचे तक काट दिया। इसके बाद कटे पैर को तकिया बनाया गया। जिसके चलते पहली कार्रवाई में चार डाक्टर्स को मामले में निलंबित करने के साथ ही एक विभागाध्यक्ष के खिलाफ विभागीय जांच की कार्रवाई हुई थी।
इसके बाद आज बड़ी कार्रवाई की गई है। प्रदेश सरकार ने बड़ी कार्रवाई करते हुए रानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कालेज की प्रिंसिपल साधना कौशिक को प्राचार्य पद से हटा दिया है। सरकार ने मेडिकल कालेज की प्राचार्य को मेडिकल कालेज से हटाकर मेरठ भेज दिया है। इस मामले में मेडिकल कालेज के सबसे बड़े लापरवाह सीएमएस पर अब तक कोई कार्रवाई नही हुई है।
झांसी से एक वीडियो वायरल हुआ। जिसमें एक घायल युवक का पैर काटने के बाद डॉक्टरों ने उसके कटे हुए पैर को ही तकिया बनाकर युवक के सिर के नीचे रख दिया। डॉक्टरों की इस करतूत से हर कोई सकते में दिखा. मेडिकल कॉलेज ने इस मामले में जांच के आदेश दिए हैं। मऊरानीपुर थाना क्षेत्र में एक युवक को मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया। सड़क हादसे में घायल हुए युवक की हालत बहुत खराब थी, जिसके चलते डॉक्टरों को उसका बायां पैर काटना पड़ा। युवक पूरे समय कटे हुए पैर की बदबू से परेशान रहा। परिवार के लोग अपने बेटे के साथ हो रहे इस बर्बर रवैये को देखकर विचलित हो गए।
मामले में प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री आशुतोष टंडन के निर्देश पर दो डॉक्टर व दो नर्स को निलंबित कर दिया गया, जबकि डॉक्टर ऑन कॉल को चार्जशीट दी गई है। रिपोर्ट के मुताबिक मामले पर एक जांच बैठा दी गई है और मेडिकल कालेज की प्रधानाचार्य से पूरे मामले पर रिपोर्ट तलब की गई है। घटना के दौरान ड्यूटी पर तैनात इमरजेंसी मेडिकल ऑफिसर डॉ. महेंद्र पाल सिंह, सीनियर रेजीडेंट आर्थोपैडिक डॉ. आलोक अग्रवाल, सिस्टर इंचार्ज दीपा नारंग व नर्स शशि श्रीवास्तव को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। वहीं, डॉक्टर ऑन कॉल डॉ. प्रवीण सरावगी पर चार्जशीट जारी की गई है।