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विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी को हार्ट अटैक, झांसी से दिल्ली भेजा गया

बलिया के बांसडीह से विधायक तथा उत्तर प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामगोविन्द चौधरी को आज झांसी में हार्ट अटैक पड़ा। इसके बाद उनको रामराजा हॉस्पिटल भर्ती कराया गया।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Sun, 11 Nov 2018 02:51 PM (IST)Updated: Sun, 11 Nov 2018 02:51 PM (IST)
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी को हार्ट अटैक, झांसी से दिल्ली भेजा गया
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी को हार्ट अटैक, झांसी से दिल्ली भेजा गया

झांसी (जेएनएन)। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी की आज झांसी में अचानक तबीयत खराब हो गई। चौधरी लखनऊ से मध्य प्रदेश में समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी के पक्ष में चुनाव प्रचार करने जा रहे थे। इसी बीच झांसी में उनकी तबीयत खराब हो गई। उनको हार्ट अटैक के कारण झांसी के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इसके बाद एयर एम्बुलेंस से नई दिल्ली भेजा गया है। बलिया में उनके घर से परिवार के लोग झांसी रवाना हो गए हैं।

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बलिया के बांसडीह से विधायक तथा उत्तर प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामगोविन्द चौधरी को आज झांसी में हार्ट अटैक पड़ा। इसके बाद उनको रामराजा हॉस्पिटल भर्ती कराया गया। यहां से उन्हें दतिया भेज दिया गया है। दतिया से एयर एंबुलेंस से उन्हें दिल्ली भेजा जा रहा है। चौधरी रात में ओरछा के एक होटल में रुके थे। आज सुबह उन्हें सपा प्रत्याशी मीरा दीपक यादव के चुनाव प्रचार में निवाड़ी जाना था। उन्होंने सीने में तेज दर्द की शिकायत की। आनन फानन में उन्हें राम राजा अस्पताल में भर्ती कराया गया। सपा के वरिष्ठ नेता अस्पताल पहुंचने लगे।

बलिया से परिवार के लोग दिल्ली रवाना

पूर्वमंत्री की तबीयत बिगडऩे की सूचना पर परिवार के सदस्य बलिया से नई दिल्ली रवाना हो गए। बलिया में पूर्व मंत्री राम गोविंद चौधरी की तबीयत खराब होने की सूचना जनपद में आते ही हर कोई उनके स्वस्थ्य होने की कामना करने लगा। सिकंदरपुर तहसील क्षेत्र के गोसाईपुर में उनके गांव से भाई लाल बचन यादव व चचेरे भाई राम बचन यादव समेत परिवार के अन्य सदस्य तत्काल दिल्ली के लिए रवाना हो गए।

बलिया में भी उनके आवास से उनके करीबी तत्काल दिल्ली के लिए निकल गए। अपने नेता की तबीयत खराब होने की खबर पर हर कोई उनके कुशल क्षेम जानने में जुट गया। वहीं पार्टी कार्यालय पर भी सन्नाटा पसरा रहा। राजनीतिक दलों के नेता समेत अन्य लोग भी स्वास्थ्य के बारे में जानकारी के लिए एक दूसरे से संपर्क करते रहे। विधानसभा सत्र के दौरान भी उनकी तबीयत खराब हो गई थी। इसके बाद वह अपने स्वास्थ्य को लेकर काफी सतर्क रहते थे।

समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता

राम गोविंद चौधरी ने राजनीतिक जीवन की शुरुआत छात्र राजनीति से की थी और पहली बार वह 1977 में चिलकहर विधानसभा सीट से जीतकर आए थे। फिलहाल वह बलिया के बांसडीह से विधायक हैं। इनके पास जयप्रकाश नारायण और चंद्रशेखर के साथ काम करने का अनुभव है। इससे पहले आपातकाल में राम गोविंद चौधरी 1977 में जेल भी गए थे। 1977 में राम गोविंद चौधरी, राजेंद्र चौधरी और राजनाथ सिंह पहली बार चुनकर आए थे। राम गोविंद चौधरी को उनके बागी और सख्त स्वभाव के लिए जाना जाता है। 1971-72 में बलिया के मुरली मनोहर टाउन महाविद्यालय से पढ़ाई के दौरान वह महामंत्री चुने गए और इसके बाद वह अध्यक्ष भी बने। छात्र राजनीति के बाद उन्होंने जेपी आंदोलन में भूमिका दी और छात्रों के लिए वह इस आंदोलन में कूद गए। 1975 में उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। 19 महीने तक उन्हें जेल में रहना पड़ा। चंद्रशेखर को ही वह अपना राजनीतिक गुरु भी मानते हैं। 2002 में जब वह समाजवादी जनता पार्टी से विधायक चुने गए तो उन्होंने मुलायम सिंह का दामन थामा और उनके साथ लंबे समय तक सियासी पारी को आगे बढ़ाया। वह बांसडीह से भी वह तीन बार विधायक रहे हैं।  


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