पहले जुबिली से, अब करोड़ों के क्लब से तय होती है फिल्म की सफलता : रजा मुराद
फोटो 15 एसएचवाइ 11 झाँसी : समाजसेवी सन्दीप सरावगी के आवास पर पत्रकारों से वार्ता करते बॉलिवुड कलाक
फोटो 15 एसएचवाइ 11
झाँसी : समाजसेवी सन्दीप सरावगी के आवास पर पत्रकारों से वार्ता करते बॉलिवुड कलाकार रजा मुराद।
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झाँसी : 'हिन्दी फिल्मों की सफलता का पैमाना अब बदल गया है। पहले फिल्म की सफलता जुबिली होने पर नापी जाती थी, अब यह करोड़ों के क्लब में शामिल होने पर सफलता मानी जाती है।' यह कहना है फिल्म अभिनेता रजा मुराद का। वह यहाँ संघर्ष सेवा समिति के अध्यक्ष सन्दीप सरावगी के आवास पर पत्रकारों से वार्ता कर रहे थे।
ओरछा में आयोजित श्रीराम महोत्सव में शामिल होने आये हिन्दी फिल्मों के मशहूर चरित्र अभिनेता रजा मुराद ने कहा कि पहले के मुकाबले अब सिनेमा में अनुशासन बढ़ा है। पहले हीरो ही सब तय करता था। राजकपूर, शान्ताराम, चोपड़ा फैमिली जैसे निर्माता को छोड़कर बाकी प्रोड्यूसर हीरो के आगे हाथ बाँधे खड़े रहते थे। अब ट्रेण्ड बदल गया है। एक सवाल के जवाब में कहा कि अब हर विधा की फिल्में बन रही हैं। बायोपिक बन रही है। हीरो ने अपनी इमेज बदली है। वह ग्रे शेड की भूमिका भी कर रहे हैं और कॉमेडियन की भी। उन्होंने कहा कि रिऐलिटी शोज ने कलाकारों को मंच दिया है। इससे प्रतिभाएं भी आगे आ रही हैं। रजा मुराद ने कहा कि ओरछा में श्रीराम महोत्सव के माध्यम से जो आयोजन हो रहा है, वह संस्कृति और बुन्देली सभ्यता को आगे लाने में काफी मददगार होगा। सन्दीप सरावगी ने आभार व्यक्त किया।
फाइल : मुकेश त्रिपाठी