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गर्मियों में रखें आँखों का खास खयाल, वर्ना हो सकती है परेशानियाँ

लोगो : स्वस्थ समाज ::: फोटो 14 बीकेएस 100 ::: - चिकित्सक की सलाह के बिना स्व-उपचार करना हो स

By JagranEdited By: Published: Sun, 15 May 2022 06:15 PM (IST)Updated: Sun, 15 May 2022 06:15 PM (IST)
गर्मियों में रखें आँखों का खास खयाल, वर्ना हो सकती है परेशानियाँ
गर्मियों में रखें आँखों का खास खयाल, वर्ना हो सकती है परेशानियाँ

लोगो : स्वस्थ समाज

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फोटो 14 बीकेएस 100

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- चिकित्सक की सलाह के बिना स्व-उपचार करना हो सकता है घातक

झाँसी : हमारी आँखें अनमोल हैं और इनसे हम खूबसूरत दुनिया देखते हैं। आँखों के प्रति जरा-सी भी लापरवाही हमें बड़ी परेशानी में डाल सकता है। इन दिनों भीषण गर्मी पड़ रही है। तापमान 46 डिग्री के आसपास मँडरा रहा है। नेत्र रोग विशेषज्ञों का कहना है कि बढ़े हुये तापमान से हमारी आँखों पर बुरा असर पड़ सकता है।

समस्या और लक्षण

ड्राइ आइ़ज : गर्मियों में पंखे और एयरकण्डिशनर के प्रयोग से आँखों में आँसुओं की परत का वाष्पीकरण हो जाता है या आँसू सूख जाते हैं। इसके मुख्य लक्षणों में आँख में चुभन और किरकिरापन महसूस होना है।

टेरिजियम : धूप में मौजूद पैरा बैगनी किरणें आँख में टेरिजियम बना देती हैं। इसमें झिल्ली पुतली के ऊपर बढ़ जाती है और समय से ऑपरेशन न होने पर आँख की रोशनी भी जा सकती है। इसका मुख्य लक्षण आँख में लाली एवं दर्द होना और झिल्ली पर बढ़ा हुआ माँस दिखना है।

संक्रमण : संक्रमण किसी भी समय हो सकता है, लेकिन गर्मियों में स्वीमिंग पूल के इस्तेमाल से यह ख़्ातरा और अधिक बढ़ जाता है। आँखों में खुजली, दर्द और लालिमा होना इसके लक्षण हैं। सोकर उठने पर आँखों की पलक चिपक जाती है।

फोटो क्रेटाइरिस : सूरज की अल्ट्रा वायलट किरणों के कारण हमारी त्वचा तो जलती ही है, आँख की ऊपरी सतह को भी जला सकती है। इससे दर्द और धुँधला दिखने लगता है।

एलर्जी : गर्मियों में धूल व धूप के कारण आँखों में खुजली, जलन, लालिमा तथा पानी आने लगता है। लोग इसे सामान्य समस्या मानते हैं, लेकिन यह काफी कष्टदायक हो सकती है।

मोतियाबिन्द : धूप में मौजूद पैरा बैगनी किरणों से लम्बे समय तक या हर साल बार-बार सम्पर्क में आने से आँखों के प्राकृतिक लैंस में बदलाव आ जाता है। इससे कम या धुँधला, एक वस्तु का दो दिखना, धूप एवं वाहनों की रोशनी से चकाचौंध होने लगती है।

ऐसे करें बचाव

0 घर से बाहर निकलते समय अच्छी क्वॉलिटि के धूप का चश्मा पहनें, साथ ही कैप का भी प्रयोग करें।

0 एसी की हवा को सीधे आँखों में न लगने दें, दिन में तीन-चार बार साफ पानी से छींटे मारकर आँखें साफ करते रहें।

0 संक्रमण से बचाव के लिये दिन में कई बार अपने हाथ साबुन से अच्छी तरह धोएं, एक-दूसरे के रूमाल, तौलिया व बेडशीट का प्रयोग न करें।

0 आँख को बार-बार नहीं छुएँ, जोर से न रगड़ें, घर को धूल से मुक्त रखें।

0 स्वीमिंग पूल में तैरते समय स्वीमिंग गॉगल का प्रयोग करें।

0 आँखों को सूखेपन से बचाने के लिये खूब पानी पीयें।

फोटो 14 बीकेएस 101

'यदि सभी सावधानियाँ बरतने बरतने के बावजूद किसी प्रकार की समस्या होती है तो डैक्सामैथाजॉन युक्त ड्रॉप बिना डॉक्टर की सलाह के कभी भी न डालें। इस ड्रॉप को लोग आमतौर पर मेडिकल स्टोर से बिना चिकित्सक की सलाह के खरीद लेते हैं और बार-बार या लम्बे समय तक आँख में डालने से मोतियाबिन्द या काला पानी के शिकार हो सकते हैं। इससे स्थायी रूप से आँख की रोशनी जा सकती है।'

- डॉ. शमी

फेको सर्जन एवं वरिष्ठ नेत्र विशेषज्ञ ज्योति आइ हॉस्पिटल (झाँसी)

फाइल : मुकेश त्रिपाठी


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