4,681 चुनाव कार्मिकों को प्रशिक्षण, मात्र 22 को लगी बूस्टर डो़ज
- 152 कार्मिकों ने नहीं लगी कोरोना की दूसरी डो़ज - आज कार्यालयाध्यक्षों के साथ बैठक में होगी चर्चा
- 152 कार्मिकों ने नहीं लगी कोरोना की दूसरी डो़ज
- आज कार्यालयाध्यक्षों के साथ बैठक में होगी चर्चा
झाँसी : विधानसभा चुनाव सिर पर हैं। सरकारी मशीनरी भी चुनाव कराने को तैयार है। चुनाव कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है। उन्हें फ्रण्ट लाइन वर्कर मानकर बूस्टर डो़ज लगवाने की हिदायत दी गयी है, लेकिन प्रशिक्षण पाने वाले महज .46 प्रतिशत ने ही बूस्टर डोज लगवायी है, जबकि 152 कर्मचारियों ने दूसरी डो़ज तक नहीं ली।
किसी भी चुनाव में निर्वाचन कार्मिकों की भूमिका सबसे अहम होती है। उनके बिना चुनाव की कल्पना ही नहीं की जा सकती। ़िजले के चिह्नित चुनाव कार्मिकों को 17 जनवरी को एक आदेश जारी करते हुये बूस्टर डो़ज लगवाने की हिदायत दी गयी थी। 4,681 मतदान कार्मिकों को 21, 24 और 25 जनवरी को राजकीय इण्टर कॉलिज में प्रशिक्षण दिया गया। इसमें पाया गया कि 4,529 ने पहली और 4,261 ने दूसरी डो़ज ली है, जबकि बूस्टर डो़ज लेने वालों की संख्या मात्र 22 रही। इसे चिन्ताजनक मानते हुये शासन ने कड़ा रुख अख्तियार किया है। शासन का मानना है कि कोरोना की तीसरी लहर जिस ते़जी से फैल रही है, उससे फ्रण्ट लाइन वर्कर को ऐहतियात के तौर पर बूस्टर डो़ज न लगवाना खतरनाक हो सकता है। मुख्य विकास अधिकारी शैलेष कुमार ने बताया कि सभी कार्यालयाध्यक्षों को निर्देश दिये गये हैं कि उनके विभाग से सम्बन्धित चुनाव कार्मिकों को बूस्टर डो़ज लगवाते हुये प्रमाण-पत्र ़िजला विकास कार्यालय में जमा करने सुनिश्चित करें। यदि मतदान के दौरान अथवा बाद में किसी कार्मिक को कोविड से प्रतिकूल स्थिति में उत्पन्न हुयी तो सम्बन्धित कार्यालयाध्यक्ष को जिम्मेदार माना जायेगा। उन्होंने बताया कि इस सम्बन्ध में 29 जनवरी को शाम 4 बजे विकास भवन सभागार में कार्यालयाध्यक्षों की एक बैठक भी होगी।
फाइल : मुकेश त्रिपाठी