Move to Jagran APP

सपा-बसपा के सियासी चक्रव्यूह में फँसी भाजपा

0 एमवाई फैक्टर के साथ भाजपा के परम्परागत वोट में सेन्ध लगाने की कोशिश में सपा 0 बसपा ने साहू समाज

By JagranEdited By: Published: Fri, 28 Jan 2022 01:00 AM (IST)Updated: Fri, 28 Jan 2022 01:00 AM (IST)
सपा-बसपा के सियासी चक्रव्यूह में फँसी भाजपा
सपा-बसपा के सियासी चक्रव्यूह में फँसी भाजपा

0 एमवाई फैक्टर के साथ भाजपा के परम्परागत वोट में सेन्ध लगाने की कोशिश में सपा

loksabha election banner

0 बसपा ने साहू समाज के प्रत्याशी को मैदान में उतारकर की सियासी पेशबन्दी

0 कौंग्रेस भी बुन रही जातीय समीकरण का तानाबाना

झाँसी : पिछले 8 साल में हुए हर चुनाव में जीत की पटकथा लिखने वाली भाजपा के तिलिस्म को तोड़ने के लिए इस बार विपक्ष ने सियासी चक्रव्यूह रच लिया है। सपा व बसपा के बीच भले ही सियासी गठबन्धन नहीं है, लेकिन दोनों दलों ने झाँसी सदर व बबीना सीट पर भाजपा को घेरने के लिए जातीय समीकरण का ऐसा दाँव खेला है कि भाजपा प्रत्याशियों की मुश्किलें बढ़ना तय माना जा रहा है। अब निगाहें कौंग्रेस की पेशबन्दी पर टिक गई हैं, जिसके संकेत भी भाजपा खेमे के लिए खलबली पैदा करने वाले आने लगे हैं।

विधानसभा चुनाव के लिए कौंग्रेस को छोड़ तीनों राजनैतिक दलों ने पत्ते खोल दिए हैं। वैसे तो बसपा ने प्रत्याशी घोषित करने में बाजी मार ली थी, लेकिन सदर सीट पर पार्टी किसी निर्णय पर नहीं पहुँच पाई थी। गुरुवार को बसपा ने सदर सीट पर प्रत्याशी की विधिवत घोषणा कर दी। पार्टी ने यहाँ पूर्व विधायक कैलाश साहू पर दाँव लगाया है। सपा पहले ही उम्मीदवारों की घोषणा कर चुकी है। इस बार सपा व बसपा ने झाँसी व बबीना सीट पर ऐसा जातीय तानाबाना बुना है, जिसे भेद पाना भाजपा प्रत्याशियों के लिए आसान नहीं होगा। बात सदर सीट की - यहाँ भाजपा ने चौथी बार रवि शर्मा पर दाँव लगाया है। दो बार के विधायक को घेरने के लिए एमवाई फैक्टर के साथ मैदान में उतर रही सपा ने सीताराम कुशवाहा को टिकिट देकर बड़ा राजनैतिक दाँव चला है। राजनैतिक पण्डितों का मानना है कि अब तक कुशवाहा समाज के वोट का बड़ा हिस्सा भाजपा को मिलता रहा है। इस सियासी बिसात पर बसपा ने ट्रम्प कार्ड उछाल दिया है। पार्टी ने पूर्व विधायक कैलाश साहू को मैदान में उतारा है। सदर सीट पर साहू समाज का वोट निर्णायक माना जाता रहा है। उधर, कौंग्रेस भी अब सदर सीट पर भाजपा के ख़्िाला़फ जातीय पेशबन्दी करने में जुट गई है। एक-दो दिन में पार्टी अपने पत्ते खोल सकती है। सूत्र बताते हैं कि पार्टी सदर सीट पर किसी ब्राह्माण प्रत्याशी को मैदान में उतार सकती है। जानकारों का मानना है कि यदि ऐसा हुआ तो इसका खामियाजा भाजपा को ही उठाना पड़ सकता है। अब बात बबीना सीट की - यहाँ भी सपा एमवाई के पुराने समीकरण के आधार पर मैदान में उतरी है तो इससे सटी सदर सीट पर उतरे कुशवाहा जाति के प्रत्याशी के बलबूते इस बड़े वोट को अपने पाले में मान रही है। इसी सीट पर बसपा ने दशरथ राजपूत को मैदान में उतारा है। चूँकि बबीना सीट पर लोधी वोट निर्णायक की भूमिका में है और परम्परागत तरीके से भाजपा को मिलता रहा है, लेकिन इस बार अगर बसपा की रणनीति सफल हुई तो भाजपा के लिए मुश्किल खड़ी हो सकती है।

फाइल : राजेश शर्मा


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.