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बसपा ने कैलाश साहू पर लगाया दाँव

0 बसपा ने जारी की सूची, झाँसी सदर सीट पर फँसा था पेंच, बबीना, गरौठा व मऊरानीपुर के प्रत्याशी पहले ही

By JagranEdited By: Published: Thu, 27 Jan 2022 08:12 PM (IST)Updated: Thu, 27 Jan 2022 10:18 PM (IST)
बसपा ने कैलाश साहू पर लगाया दाँव
बसपा ने कैलाश साहू पर लगाया दाँव

0 बसपा ने जारी की सूची, झाँसी सदर सीट पर फँसा था पेंच, बबीना, गरौठा व मऊरानीपुर के प्रत्याशी पहले ही कर दिए थे घोषित

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झाँसी : बहुजन समाज पार्टी ने अन्तत: झाँसी सदर सीट पर पूर्व विधायक कैलाश साहू पर ही दाँव लगा दिया। झाँसी सदर सीट पर काफी दिनों से उठा-पटक चल रही थी और इस बीच कई नामों की चर्चाएं हवा में तैरती रहीं। बसपा ने आज सूची जारी कर सभी कयासों पर विराम लगा दिया।

बसपा ने कार्यकर्ता सम्मेलन आयोजित कर जनपद में झाँसी सदर छोड़कर सभी सीट पर प्रत्याशी घोषित कर दिए थे। झाँसी सीट पर कार्यकर्ता सम्मेलन की तिथि कई बार आगे बढ़ायी गयी। झाँसी सदर सीट का कार्यकर्ता सम्मेलन आज तक आयोजित नहीं हो पाया। बाद में प्रत्याशी को एबी फॉर्म भी दे दिये, लेकिन झाँसी सदर का मामला लटका रहा। आज अपराह्न बसपा ने प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी। इसके तहत झाँसी सदर से पूर्व विधायक कैलाश साहू को प्रत्याशी बनाया है। साथ ही बबीना से दशरथ सिंह राजपूत, मऊरानीपुर (सुरक्षित) से रोहित रतन अहिरवार व गरौठा से वीर सिंह गुर्जर को प्रत्याशी बनाया गया है।

फोटो हाफ कॉलम

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प्रत्याशी परिचय

कैलाश साहू

व्यवसाय- ठेकेदारी

राजनीति- वर्ष 1983 में बसपा की सदस्यता ली। बसपा संगठन में विभिन्न पदों पर कार्य किया। राठौर-साहू समाज भाईचारा समिति के प्रदेश अध्यक्ष रहे। राज्य सरकार के राज्य स्वास्थ्य मिशन में सदस्य रहे।

सामाजिक कार्य : नशाबन्दी के खिलाफ अभियान, साहू समाज को एकजुट कर समाज उत्थान के लिए कार्य किया।

राजनैतिक धुरन्धरों को हराकर विधायक बने थे कैलाश

0 वर्ष 2009 में प्रदीप जैन 'आदित्य' के लोकसभा सीट पर चुनाव लड़ने से खाली हुई थी सदर सीट

0 बसपा ने निर्दलीय प्रत्याशी बृजेन्द्र व्यास से 9 वोट से जीता था मुकाबला

0 भाजपा प्रत्याशी रवि शर्मा तीसरे नम्बर रहे थे

0 कौंग्रेस चौथे व सपा पाँचवें स्थान पर रही थी

झाँसी : बहुजन समाज पार्टी ने 12 साल पहले सदर सीट पर जीत का परचम फहरा चुके कैलाश साहू पर एक बार फिर चुनावी दाँव लगाया है। कैलाश ने वर्ष 2009 में सदर सीट पर हुए उप-चुनाव में बसपा के लिए जीत दर्ज की थी। उन्होंने मुकाबला तो बेहद नजदीकी अन्तर से जीता था, लेकिन सभी राजनैतिक दल के धुरन्धरों को करारी शिकस्त दी थी। भाजपा के रवि शर्मा का भी यह पहला विधानसभा चुनाव था और वह तीसरे पायदान पर थे। निर्दलीय उम्मीदवार से भी उन्हें 5,822 वोट कम मिले थे।

बहुजन समाज पार्टी ने काफी मन्थन के बाद सदर सीट पर पूर्व विधायक कैलाश साहू को मैदान में उतारकर मुकाबला रोचक बना दिया है। कैलाश साहू वर्ष 2009 में हुए उपचुनाव में बसपा से जीतकर विधायक बने थे। दरअसल, वर्ष 2007 का चुनाव जीतकर विधायक बने कौंग्रेस के प्रदीप जैन 'आदित्य' को वर्ष 2009 के लोकसभा चुनाव में कौंग्रेस ने झाँसी-ललितपुर सीट से प्रत्याशी बनाया। चुनाव जीतने के बाद प्रदीप ने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया और सदर सीट खाली हो गई। तब प्रदेश में बसपा की सरकार थी और उप चुनाव में पार्टी ने कैलाश साहू को मैदान में उतारा। इस चुनाव में गरौठा से पूर्व विधायक बृजेन्द्र कुमार व्यास भी बसपा से टिकिट माँग रहे थे, लेकिन पार्टी ने उन्हें नकार दिया, जिसके बाद वह निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में मैदान में आ गए। इसके बाद यह मुकाबला बसपा प्रत्याशी और बसपा के बागी प्रत्याशी के बीच हो गया। उधर, भाजपा ने पहली बार रवि शर्मा को प्रत्याशी बनाया, जबकि कौंग्रेस ने अनिल बट्टा और सपा ने अस्फान सिद्दीकी को मैदान में उतारा। बसपा प्रत्याशी कैलाश साहू ने सभी राजनैतिक धुरन्धरों के अरमानों पर पानी फेरते हुए मुकाबला जीत लिया। कैलाश साहू ने 35,944 वोट प्राप्त कर निकटतम प्रतिद्वन्द्वी निर्दलीय प्रत्याशी बृजेन्द्र कुमार व्यास को 9 वोट से शिकस्त दी। बृजेन्द्र को 35,935 वोट मिले थे। भाजपा के रवि शर्मा 30,113 वोट पाकर तीसरे स्थान पर रहे, जबकि कौंग्रेस के अनिल बट्टा को 21,645 व सपा के अस्फान सिद्दीकी को 18,676 वोट मिले।

जीत पर उठे थे सवाल

वर्ष 2009 में बेहद करीबी मुकाबले में बसपा प्रत्याशी कैलाश साहू को मिली इस जीत पर सवाल भी उठे थे। बीकेडी में मतगणना के दौरान पहले खबर उड़ी कि निर्दलीय प्रत्याशी बृजेन्द्र कुमार व्यास ने जीत दर्ज की है, लेकिन फाइनल रि़जल्ट आने पर जीत बसपा के खाते में चली गई। सिर्फ 9 वोट के अन्तर से कैलाश साहू विधायक बन गए।

महानगर में हुई थी तोड़फोड़ व आगजनी

बसपा से बगावत कर निर्दलीय मैदान में उतरने वाले बृजेन्द्र कुमार व्यास की हार के बाद उनके समर्थकों ने काफी उपद्रव भी किया था। महानगर में अलग-अलग जगह तोड़फोड़ कर सड़क पर टायर जलाकर विरोध प्रकट किया था।


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