रश्मि आर्या ने दिए सियासी संकेत, पहले ही दिन ख़्ारीदा नामांकन फॉर्म
फोटो : 25 एसएचवाई 22 झाँसी : नामांकन प्रक्रिया का जायजा लेते ़िजलाधिकारी व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक। -
फोटो : 25 एसएचवाई 22
झाँसी : नामांकन प्रक्रिया का जायजा लेते ़िजलाधिकारी व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक। -जागरण
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0 चारों विधानसभा सीट पर दिग्गजों ने खरीदे चालान व फॉर्म
झाँसी : भाजपा और अपना दल के बीच फँसी मऊरानीपुर विधानसभा सीट को लेकर भाजपा ने भले ही प्रत्याशी घोषित नहीं किया है, लेकिन हाल ही में भगवा झण्डा थामने वाली डॉ. रश्मि आर्य ने पहले ही दिन नामांकन फॉर्म ख़्ारीदकर बड़े सियासी संकेत दे दिए हैं। इनके अलावा हर सीट पर दिग्गजों ने पहले ही दिन नामांकन फॉर्म खरीद लिए।
जनपद की चारों विधानसभा सीट के लिए आज से कलेक्टरेट में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच नामांकन प्रक्रिया शुरू की गई। अलग-अलग कक्ष में विधानसभा वार नामांकन की व्यवस्था की गई। पहले दिन जनपद की चारों विधानसभा सीट पर 27 दावेदारों ने चालान ख़्ारीदे तो 11 दावेदारों ने चालान से जमानत राशि जमा करने के बाद नामांकन फॉर्म भी खरीद लिए। झाँसी सदर सीट से विधायक रवि शर्मा के साथ निर्दलीय संजीव कुमार सिंह ने पर्चा खरीदा, जबकि बबीना सीट से विधायक राजीव सिंह पारीछा, सपा नेता यशपाल सिंह, हरिओम सिंह, गरौठा सीट से विधायक जवाहर लाल राजपूत व पूर्व विधायक दीपनारायण सिंह यादव नामांकन फॉर्म लिए। सबसे दिलचस्प नाम मऊरानीपुर विधानसभा सीट पर देखने को मिला। यहाँ बसपा के रोहित रतन, सपा के तिलक चन्द्र अहिरवार, जन अधिकार पार्टी से बृज कुँवर के अलावा निर्दलीय के रूप में डॉ. रश्मि आर्य ने भी पर्क खरीदा। दरअसल, 2 बार से साइकिल पर सवार होकर मऊरानीपुर सीट से विधानसभा चुनाव लड़ने वाली रश्मि आर्य ने हाल में भाजपा का दामन थामा है। यहाँ से मौजूदा विधायक बिहारी लाल आर्य, पूर्व विधायक प्रागीलाल अहिरवार पहले से ही टिकिट का दावा कर चुके हैं। यही नहीं, मऊरानीपुर सीट को लेकर भाजपा में अभी पेंच भी फँसा है। इस सीट पर अपना दल ने दावा ठोक दिया है, जबकि भाजपा अभी दावा छोड़ने को तैयार नहीं है। ऐसे में रश्मि आर्य का निर्दलीय के रूप में नामांकन फॉर्म खरीदने पर सियासी कयास लगाए जाने लगे हैं। उधर, ़िजलाधिकारी रविन्द्र कुमार व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक शिवहरी मीना ने प्रत्येक कक्ष में जाकर नामांकन प्रक्रिया का जायजा लिया तथा सुरक्षा सम्बन्धी दिशा-निर्देश दिए।
अभेद्य किले में तब्दील हुआ कलेक्टरेट
नामांकन प्रक्रिया के लिए कलेक्टरेट को अभेद्य किले में तब्दील कर दिया गया। बैरिकेडिंग कर ऐसा मकड़जाल बना दिया गया कि आने-जाने वाले भी चकरघिन्नी बन गए। दोनों प्रवेश द्वार पर भी घुमावदार बैरिकेड लगाए गए हैं। कलेक्टरेट के चारों तरफ व अन्दर पुलिस का इतना सख्ता पहरा बिठाया गया कि कोई चाहकर भी प्रवेश नहीं कर पाया।
फाइल : राजेश शर्मा