बच्चों से बोला पिता- 'मेरे लिए मत रोना' और फिर ट्रेन से कटकर दे दी जान
- आत्महत्या से पहले रेलकर्मी ने लिखा सुइसाइड नोट- 'अब मेरा शरीर मेरा साथ नहीं दे रहा है' - घर से ड
- आत्महत्या से पहले रेलकर्मी ने लिखा सुइसाइड नोट- 'अब मेरा शरीर मेरा साथ नहीं दे रहा है'
- घर से ड्यूटि जाने की बोलकर निकला था रेलकर्मी, पुलिया नम्बर 9 के पास रेल ट्रैक पर मिला शव
झाँसी : मंगलवार की अल-सुबह झाँसी-मुम्बई रेल ट्रैक पर रेलकर्मी ने ट्रेन से कटकर आत्महत्या कर ली। लम्बे समय से बीमार होने के चलते रेलकर्मी अवसाद में था और सोमवार को घर से नौकरी पर जाने की बात कहकर निकला था। लेकिन वह ड्यूटि पर नहीं पहुँचा। मंगलवार को जीआरपी को सूचना मिली की एक अधेड़ का शव रेल की पटरी पर पड़ा है। मौके पर पहुँची जीआरपी ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेजते हुए मृतक के परिजनों को घटना की सूचना दे दी। मृतक के पास से एक सुइसाइड नोट भी मिला है, जिसमें उसने अपने बच्चों और पत्नी से उसकी मौत पर न रोने की बात कही है।
प्रेमनगर थाना के पास रहने वाले लगभग 53 वर्षीय अनिल कुमार को पिता की मृत्यु के बाद अनुकम्पा नियुक्ति दी गई थी। वह ललितपुर में रेलवे के आइओडब्लू विभाग में पेण्टर के पद पर कार्यरत थे। वह प्रतिदिन घर से ललितपुर के लिए अप-डाउन करते थे। सोमवार की सुबह भी वह घर पर ड्यूटि जाने की बात कहकर निकले थे। इसके बाद वापस घर नहीं लौटे। मंगलवार को सुबह लगभग 4.30 बजे जीआरपी झाँसी को सूचना मिली कि पुलिया नम्बर-9 के पास रेल ट्रैक पर अधेड़ की लाश पड़ी हुई है। मौके पर पहुँची जीआरपी ने शव को ़कब़्जे में लेकर उसकी तलाशी ली तो उसके पास से पहचान पत्र के साथ ही एक सुइसाइड नोट भी मिला। इसमें मृतक की पहचान नगरा निवासी अनिल श्रीवास के तौर पर हुई। परिजनों का कहना है कि अनिल की मौत चलती ट्रेन से उतरने के कारण हुई है। उन्होंने आत्महत्या नहीं की है। इधर, जीआरपी ने बताया कि मृतक घर से ड्यूटि जाने की बात कहकर निकला था, लेकिन विभागीय रिकॉर्ड के अनुसार वह वहाँ गया ही नहीं।
'मेरा शरीर नहीं दे रहा साथ, इसलिए दे रहा हूँ जान'
मृतक रेलकर्मी अनिल ने अपने बड़े भाई को पत्र लिखा- 'प्रिय भाईसाहब अब मैं खुदखुशी करने जा रहा हूँ। क्योंकि मेरा शरीर मेरा साथ नहीं दे रहा है। मैंने आप लोगों को बहुत परेशान किया, मुझे माफ कर देना।'
नोट में लिखा- 'अनिकेत, मम्मी का खयाल रखना'
अपने पीछे 2 बेटे और एक विवाहित बेटी छोड़ गए अनिल श्रीवास के पास मिले नोट में उन्होंने तीनों बच्चों के नाम लिखकर कहा- 'अनिकेत, आदित्य और राजकुमारी मैंने हमेशा अपनी खुशी देखी है। मैंने तुम लोगों को बहुत परेशान किया है। मेरा आशीर्वाद तुम लोगों के साथ है, जहाँ भी रहो खुश रहना। मेरे लिए कभी मत रोना।' अन्त में लिखा- 'अनिकेत, मम्मी का खयाल रखना। मैंने मम्मी को बहुत दुख दिए हैं। मुझे माफ कर देना।' इसके बाद नोट में मृतक ने अपने बेटों के मोबाइल फोन नम्बर भी लिखे हैं।
घर से निकला लेकिन नौकरी पर नहीं पहुँचा अनिल
ललितपुर में पेण्टर के पद पर कार्यरत अनिल श्रीवास काफी दिनों से ड्यूटि से अनुपस्थित चल रहे थे और सोमवार को ही फिट होकर घर से ड्यूटि पर जाने की बात कहकर निकले थे, लेकिन ड्यूटि पर नहीं पहुँचे।
बीमारी के चलते डिप्रेशन में था अनिल
मृतक के परिजनों ने बताया कि साल 2015 में वह गिर गए थे। इससे उनका कूल्हा फ्रैक्चर हो गया था। इसी के बाद से उन्हें चलने-फिरने में परेशानी का सामना करना पड़ता था। कोरोना काल में अनिल संक्रमण की चपेट में भी आ गए थे। इससे अक्सर छोटी-मोटी परेशनियाँ होती रहती थीं।
फाइल : वसीम शेख
समय : 06 : 55
30 नवम्बर 2021